UN और रेड क्रॉस की चेतावनी-आने वाले दशक में 'लू' लोगों का जीना मुहाल कर देगी, सहन नहीं हो पाएगी गर्मी

आने वाला दशक लोगों के लिए बड़े खतरे का संकेत है। संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस ने चेतावनी दी है कि दुनिया के कुछ क्षेत्रों में दशक के भीतर हीटवेव( Heatwaves-लू) इतनी चरम पर पहुंच जाएगी कि लोगों का जीवन अस्थिर हो जाएगा।

Amitabh Budholiya | Published : Oct 12, 2022 2:10 AM IST / Updated: Oct 12 2022, 07:41 AM IST

जेनेवा(GENEVA). संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस( the United Nations and the Red Cross) ने चेतावनी दी है कि दुनिया के कुछ क्षेत्रों में दशक के भीतर हीटवेव( Heatwaves-लू) इतनी चरम पर पहुंच जाएगी कि लोगों का जीवन अस्थिर हो जाएगा। इन संगठनों ने कहा कि हीटवेव की भविष्यवाणी साहेल, अफ्रीका के हॉर्न और दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम एशिया में मानव शारीरिक और सामाजिक सीमाओं से अधिक होने की भविष्यवाणी की गई है। यानी लोगों की बॉडी इसे झेल नहीं पाएगी। सामाजिक स्थितियां अस्तव्यस्त हो जाएंगी। ऐसी चरम घटनाएं बड़े पैमाने पर पीड़ा और जीवन की हानि को ट्रिगर(उत्त्तेजित) करती हैं। जानिए पूरी डिटेल्स...

सोमालिया और पाकिस्तान में हीटवेव भयंकर खतरे के संकेत 
UN और रेडक्रॉस ने एक ज्वाइंट रिपोर्ट में चेतावनी दी कि सोमालिया और पाकिस्तान जैसे देशों में इस साल हीटवेव भविष्य में  घातक, अधिक तीव्र हीटवेव और अधिक तीव्र गर्मी से संबंधित मानवीय आपात स्थिति का संकेत है। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय (OCHA) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज (IFRC) ने मिस्र में अगले महीने होने वाले UN के COP27 जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन से पहले रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया कि संभावित बार-बार होने वाली गर्मी की आपदाओं को रोकने के लिए तुरंत आक्रामक कदम उठाने की जरूरत है। ऐसे प्रयासों की लिस्टिंग बनाना जरूरी है, जो अत्यधिक गर्मी के सबसे बुरे प्रभावों को कम कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, "ऐसी स्पष्ट सीमाएं हैं, जिनके आगे अत्यधिक गर्मी और उमस के संपर्क में आने वाले लोग जीवित नहीं रह सकते हैं।" यानी मौजूदा स्थितियों के हिसाब से आने वाले दशकों में गर्मी की लहरें शारीरिक और सामाजिक लिमिट(physiological and social limits) को पार सकती हैं, जिसमें साहेल(नार्थ अफ्रीका), साउथ और साउथवेस्ट एशिया जैसे क्षेत्र शामिल हैं। चेतावनी दी गई है कि इसका प्रभाव बड़े पैमाने पर पीड़ा और जीवन की हानि, पलायन जैसी परेशानियां पैदा कर सकता है।

यह भी चेतावनी दी गई है
रिपोर्ट में कहा गया है कि अत्यधिक गर्मी से भविष्य में अनुमानित मृत्यु दर( death rates) चौंका देने वाली हो सकती है। सदी के अंत तक सभी तरह के कैंसर या सभी किस्म के संक्रामक रोगों के आकार में तुलनात्मक और और चौंका देने वाली असमानता दिखेगी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कृषि श्रमिकों, बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बीमारी और मृत्यु का अधिक खतरा होता है। संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स( UN humanitarian chief Martin Griffiths) ने कहा, चूंकि जलवायु संकट अनियंत्रित हो गया है, चरम मौसम की घटनाएं, जैसे कि हीटवेव और बाढ़ सबसे कमजोर लोगों पर सबसे कठिन मार रही हैं। 

IFRC के महासचिव जगन चपागैन(IFRC Secretary-General Jagan Chapagain) ने COP27 के देशों से सबसे अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में जलवायु अनुकूलन और शमन(climate adaptation and mitigation) में निवेश करने का आग्रह किया। OCHA और IFRC ने अत्यधिक हीटवेव के प्रभाव से निपटने में मदद करने के लिए पांच मुख्य कदम सुझाए, जिसमें लोगों और अधिकारियों को समय पर प्रतिक्रिया देने में मदद करने के लिए प्रारंभिक जानकारी प्रदान करना और स्थानीय स्तर की कार्रवाई के वित्तपोषण के नए तरीके खोजना शामिल है।

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