सार
अमरीका ने इस महीने की शुरुआत में दो हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा कीमत की पोटैशियम आयोडाइड गोली खरीदी है और विभिन्न इवेंट के जरिए इसे नागरिकों में बंटवाया जा रहा है। यही स्थिति यूरोपीय देशों में भी है।
ट्रेंडिंग डेस्क। नार्थ कोरिया के बिगड़ैल तानाशाह का खौफ इन दिनों अमरीका में खूब देखा जा रहा है। वहीं, यूरोपीय देशों में लोग यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे जंग के बीच पुतिन की धमकी से लोग दहशत में आ गए हैं। यही वजह है कि अमरीका और यूरोपीय देशों के लोग इन दिनों भयानक तनाव में जी रहे हैं और भविष्य को लेकर चिंतित हैं। बहुत से लोगों ने भारी मात्रा में पोटैशियम आयोडाइड की गोलियां खरीद कर रखना शुरू दिया है।
दावा यह भी किया जा रहा है कि अमरीका ने इसी महीने की शुरुआत में 2 हजार 398 करोड़ रुपए की पोटेशियम आयोडाइड की गोलियां खरीदकर जमा की हैं और यह विभिन्न इवेंट के जरिए लोगों में बांटी जा रही है। इसका सीधा रिश्ता परमाणु हमले से हैं और इसी खौफ में ये काम हो रहा है। दरअसल, नार्थ कोरिया ने कई बार चेतावनी दी है कि वह अमरीका पर परमाणु हमला कर सकता है। इसके लिए उसने हाल ही में एक के बाद एक कई मिसाइल टेस्ट भी किए हैं। कई मिसाइल जापान के ऊपर से भी गुजरे, जिसके बाद जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने बीते शनिवार को इमरजेंसी अलर्ट घोषित कर दिया है।
कई पीढ़ी तक असर डालेगा रेडिएशन का प्रभाव
वहीं, रूस और यूक्रेन से जंग के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सेना में और युवकों की भर्ती करने, यूक्रेन पर और तेजी से हमला करने और परमाणु हमला करने के संकेत दिए हैं, जिसके बाद यूरोपीय देशों में दहशत का माहौल है। दोनों ही देशों की धमकियों का असर देखा जा रहा है और लोग इससे बचने के उपाय तलाश रहे हैं। वहीं, माना जा रहा है कि अगर परमाणु हमला होता है तो उसका रेडिएशन बेहद खराब प्रभाव छोड़ेगा। यह कई पीढ़ियों तक नुकसान पहुंचाएगा।
परमाणु हमले के साथ-साथ कुछ और हमलों के बाद रेडिएशन से बचाव में कारगर
रेडिएशन का प्रभाव कम हो या न के बराबर हो, इसके दवा के तौर पर पोटैशियम आयोडाइड की गोलियों की खरीदी हो रही है। अमरीका का कहना है कि ये गोलियां परमाणु हमले के साथ-साथ केमिकल अटैक, बॉयोलॉजिकल अटैक और रेडियोलॉजिकल हमले से भी बचाने में मददगार साबित होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, पोटैशियम आयोडाइड को आयोडीन की दवा भी कहते हैं। रेडिएशन के पार्टिकल्स I-131 हवा में तैरने लगते हैं। ये शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे थाइराइड कैंसर, मेंटल डिसऑर्डर, शरीर के तमाम हिस्सों में ट्यूमर होना और ल्यूकीमिया जैसी गंभीर परेशानियां आ सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, I-131 के प्रभाव से बचाने के लिए पोटैशियम आयोडाइड सबसे कारगर होती है। इसमें पोटैशियम और आयोडीन का मिश्रण होता है। वैसे तो आयोडीन शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, मगर कुल 37 तरह के आयोडीन में I-127 ऐसा है, जो शरीर पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता है।
तगड़े हमले के समय यह दवा भी काम नहीं आती
विशेषज्ञों के अनुसार, पोटैशियम आयोडाइड में रेडियो एक्टिव तत्व नहीं होते। कोई इसका सेवन करे तो शरीर में आयोडीन की मात्रा कम ही जाती है। परमाणु हमले के दौरान और इसके कई साल बाद तक I-131 का सेवन रेडिएशन को खत्म करने में कारगर दवा के तौर पर देखा जाता है। बता दें कि शरीर में I-131 की वजह से बनने वाले ट्यूमर को खत्म करने के लिए भी इसी दवा का इस्तेमाल किया जाता है। अगर परमाणु हमला ज्यादा तगड़ा है, तो फिर यह दवा भी कारगर साबित नहीं होगी। यूक्रेन पर पहले भी परमाणु हमला हो चुका है। दरअसल, 1986 में यूक्रेन के चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट में जो विस्फोट हुआ था, तब पोटैशियम आयोडाइड की गोली को दवा के तौर पर लोगों में बांटा गया था और इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले थे।
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