तो सामान्य सर्दी-जुकाम के बाद शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी देगी COVID-19 से सुरक्षा

COVID-19 से बचने के लिए हो रहे वैक्सीनेशन के बारे में यह स्पष्ट है कि वैक्सीनेशन के छह महीने बाद एंटीबॉडी लेवल कम हो जा रहा है। हालांकि, माना जाता है कि टी-कोशिकाएं भी सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

लंदन। सामान्य सर्दी-जुकाम (Common Cold) के बाद शरीर में उत्पन्न प्रतिरोधक क्षमता (anti body) भी कोरोना (Corona) को दूर रखने में काफी सहायक साबित हो सकती हैं। सोमवार को लंदन के एक प्रतिष्ठित शोध जर्नल ने इस पर शोध रिपोर्ट प्रकाशित की है। इंपीरियल कॉलेज लंदन (Imperial College London) के शोध रपट के अनुसार सामान्य सर्दी-जुकाम से टी-कोशिकाओं (T-Cells) का उच्च स्तर COVID-19 से सुरक्षा प्रदान कर सकता है। वैज्ञानिकों की एक टीम दूसरी पीढ़ी के वैक्सीनेशन पर शोध कर रही है।

वैक्सीनेशन के छह महीने बाद एंटीबॉडी कम हो रही

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COVID-19 से बचने के लिए हो रहे वैक्सीनेशन के बारे में यह स्पष्ट है कि वैक्सीनेशन के छह महीने बाद एंटीबॉडी लेवल कम हो जा रहा है। हालांकि, माना जाता है कि टी-कोशिकाएं भी सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

संक्रमण के बाद टी-सेल्स में वृद्धि

यह शोध सितंबर 2020 में शुरू हुआ था। इसके अनुसार 52 लोगों पर शोध किया गया। इस शोध में कोवि संक्रमित इन लोगों में सामान्य सर्दी जुकाम से उत्पन्न क्रॉस रिएक्टिव टी-कोशिकाओं का लेवल देखा गया। इसमें पाया गया कि जिन 26 लोगों में संक्रमण नहीं हुआ, उनमें उन टी-कोशिकाओं का स्तर उन लोगों की तुलना में काफी अधिक था, जो संक्रमित हो गए थे। हालांकि, इंपीरियल ने यह नहीं बताया कि टी-कोशिकाओं से सुरक्षा कितने समय तक चलेगी।

रिपोर्ट में साफ कि सामान्य सर्दी जुकाम से लाभ

शोध पत्र लिखने वाली डॉ रिया कुंडू ने कहा कि हमने पाया कि सामान्य सर्दी जैसे अन्य मानव कोरोनावायरस से संक्रमित होने पर शरीर द्वारा बनाई गई पहले से मौजूद टी कोशिकाओं का उच्च स्तर COVID-19 संक्रमण से रक्षा कर सकता है। नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित शोध में कहा कि टी-कोशिकाओं द्वारा लक्षित SARS-CoV-2 वायरस के आंतरिक प्रोटीन वैक्सीन निर्माताओं के लिए एक वैकल्पिक लक्ष्य प्रदान कर सकते हैं।

वर्तमान COVID-19 टीके स्पाइक प्रोटीन को लक्षित करते हैं, जो नियमित रूप से उत्परिवर्तित होता है, ओमीक्रोन जैसे वेरिएंट का निर्माण करता है जो रोगसूचक संक्रमण के खिलाफ टीकों की प्रभावकारिता को कम करता है।

अध्ययन के सह-लेखक प्रोफेसर अजीत लालवानी ने कहा कि इसके विपरीत, सुरक्षात्मक टी-कोशिकाओं द्वारा लक्षित आंतरिक प्रोटीन की पहचान हमने बहुत कम की है। नतीजतन, वे ओमीक्रोन सहित विभिन्न SARS-CoV-2 वेरिएंट के बीच अत्यधिक संरक्षित हैं। नए टीके जिनमें ये संरक्षित, आंतरिक प्रोटीन शामिल हैं, इसलिए व्यापक रूप से सुरक्षात्मक टी सेल प्रतिक्रियाओं को प्रेरित करेंगे जो वर्तमान और भविष्य के SARS-CoV-2 वेरिएंट से रक्षा करनी चाहिए।

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