
Haider Mehdi Reveals The Truth Of 1965 India-Pak War: कनाडा में रहने वाले पूर्व पाकिस्तानी सेना अधिकारी हैदर मेहदी ने हाल ही में 1965 के भारत-पाक युद्ध के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान ने उस साल भारत पर पांच अलग-अलग हमले किए थे, और 1 सितंबर का बख्तरबंद हमला केवल इन आक्रमणों का अंतिम और सबसे बड़ा प्रयास था। हैदर मेहदी ने अपने पिता द्वारा लिखी किताबों का भी हवाला दिया, जिनमें इन हमलों और सैन्य रणनीतियों का विस्तृत विवरण मौजूद है। उन्होंने इन किताबों की प्रतियां साझा करने की पेशकश भी की है। इससे इतिहासकार और शोधकर्ता इस युद्ध की सटीक जानकारी तक पहुंच सकते हैं।
हैदर मेहदी के अनुसार, 1965 में केवल एक टकराव नहीं हुआ था। पाकिस्तान ने पूरे साल कई रणनीतिक हमले किए। इनमें से अंतिम हमला 1 सितंबर को हुआ, जिसमें बख्तरबंद वाहनों का व्यापक उपयोग किया गया। यह हमला न केवल आक्रामक था बल्कि पाकिस्तान की सैन्य रणनीति का चरमोत्कर्ष भी था। उनकी गवाही इतिहास की किताबों में लिखी हुई कथाओं को चुनौती देती है। अक्सर इसे सिर्फ एक टकराव के रूप में पेश किया गया है, लेकिन हैदर मेहदी के अनुसार, यह एक सुनियोजित और लगातार चलने वाले आक्रमणों की श्रृंखला का हिस्सा था।
पूर्व अधिकारी ने बताया कि उनके पिता ने 1965 के युद्ध पर कई किताबें लिखी थीं। इन किताबों में सैन्य अभियानों, बख्तरबंद हमलों और आक्रामक रणनीतियों का पूरा विवरण है। हैदर मेहदी का कहना है कि ये दस्तावेज केवल साक्ष्य नहीं हैं, बल्कि युद्ध की अनकही सच्चाई को उजागर करते हैं। यह गवाही दर्शाती है कि 1965 का युद्ध केवल दो देशों के बीच संघर्ष नहीं था। इसके पीछे राजनीतिक नीतियाँ, सैन्य रणनीतियाँ और व्यक्तिगत फैसले भी थे, जिन्होंने इस युद्ध की दिशा तय की।
1 सितंबर को हुआ हमला पाकिस्तान की सैन्य रणनीति का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा था। इस हमले में बख्तरबंद डिवीजन और सैनिकों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हुआ। इस हमले ने यह दिखाया कि पाकिस्तान ने इस संघर्ष में पूरी ताकत और संसाधनों को लगा दिया। हैदर मेहदी का कहना है कि यह केवल एक टकराव नहीं था बल्कि रणनीतिक आक्रमणों की श्रृंखला का अंतिम अध्याय था। यह जानकारी इतिहास को समझने में एक नई दृष्टि प्रदान करती है।
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