भारत-पाक युद्ध 1965: इस पूर्व पाकिस्तान अफसर ने खोलें 5 चौंकाने वाले राज, देखें वीडियो

Published : Sep 07, 2025, 06:18 PM IST
 Former Pakistani Army Officer Reveals Hidden Truths About the 1965 Indo-Pakistan War

सार

Discover The Hidden Truth Of The 1965 India-Pak War: क्या 1965 का भारत-पाक युद्ध सच में सिर्फ एक टकराव था? हैदर मेहदी ने पाकिस्तान के पांच छिपे हमलों और 1 सितंबर के बख्तरबंद हमले की रहस्यमयी सच्चाई उजागर की। जानिए इतिहास के अनसुने पहलू।

Haider Mehdi Reveals The Truth Of 1965 India-Pak War: कनाडा में रहने वाले पूर्व पाकिस्तानी सेना अधिकारी हैदर मेहदी ने हाल ही में 1965 के भारत-पाक युद्ध के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान ने उस साल भारत पर पांच अलग-अलग हमले किए थे, और 1 सितंबर का बख्तरबंद हमला केवल इन आक्रमणों का अंतिम और सबसे बड़ा प्रयास था। हैदर मेहदी ने अपने पिता द्वारा लिखी किताबों का भी हवाला दिया, जिनमें इन हमलों और सैन्य रणनीतियों का विस्तृत विवरण मौजूद है। उन्होंने इन किताबों की प्रतियां साझा करने की पेशकश भी की है। इससे इतिहासकार और शोधकर्ता इस युद्ध की सटीक जानकारी तक पहुंच सकते हैं।

क्या पाकिस्तान ने 1965 में भारत पर 5 बार हमला किया था?

हैदर मेहदी के अनुसार, 1965 में केवल एक टकराव नहीं हुआ था। पाकिस्तान ने पूरे साल कई रणनीतिक हमले किए। इनमें से अंतिम हमला 1 सितंबर को हुआ, जिसमें बख्तरबंद वाहनों का व्यापक उपयोग किया गया। यह हमला न केवल आक्रामक था बल्कि पाकिस्तान की सैन्य रणनीति का चरमोत्कर्ष भी था। उनकी गवाही इतिहास की किताबों में लिखी हुई कथाओं को चुनौती देती है। अक्सर इसे सिर्फ एक टकराव के रूप में पेश किया गया है, लेकिन हैदर मेहदी के अनुसार, यह एक सुनियोजित और लगातार चलने वाले आक्रमणों की श्रृंखला का हिस्सा था।

क्या इस युद्ध की असली कहानी सिर्फ दस्तावेजों में ही छुपी है?

पूर्व अधिकारी ने बताया कि उनके पिता ने 1965 के युद्ध पर कई किताबें लिखी थीं। इन किताबों में सैन्य अभियानों, बख्तरबंद हमलों और आक्रामक रणनीतियों का पूरा विवरण है। हैदर मेहदी का कहना है कि ये दस्तावेज केवल साक्ष्य नहीं हैं, बल्कि युद्ध की अनकही सच्चाई को उजागर करते हैं। यह गवाही दर्शाती है कि 1965 का युद्ध केवल दो देशों के बीच संघर्ष नहीं था। इसके पीछे राजनीतिक नीतियाँ, सैन्य रणनीतियाँ और व्यक्तिगत फैसले भी थे, जिन्होंने इस युद्ध की दिशा तय की।

1 सितंबर का बख्तरबंद हमला क्यों था खास?

1 सितंबर को हुआ हमला पाकिस्तान की सैन्य रणनीति का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा था। इस हमले में बख्तरबंद डिवीजन और सैनिकों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हुआ। इस हमले ने यह दिखाया कि पाकिस्तान ने इस संघर्ष में पूरी ताकत और संसाधनों को लगा दिया। हैदर मेहदी का कहना है कि यह केवल एक टकराव नहीं था बल्कि रणनीतिक आक्रमणों की श्रृंखला का अंतिम अध्याय था। यह जानकारी इतिहास को समझने में एक नई दृष्टि प्रदान करती है।

हैदर मेहदी का खुलासा क्यों है महत्वपूर्ण?

  • यह इतिहास की किताबों में छुपी सच्चाई को सामने लाता है।
  • यह पारंपरिक आख्यानों को चुनौती देता है।
  • यह शोधकर्ताओं और इतिहासकारों को सटीक जानकारी प्रदान करता है।
  • यह दिखाता है कि व्यक्तिगत और पारिवारिक अनुभव भी इतिहास को समझने में मदद कर सकते हैं।
  • हैदर मेहदी की गवाही और उनके पिता के दस्तावेज़ युद्ध को न केवल ऐतिहासिक बल्कि सामरिक दृष्टि से भी समझने में मदद करते हैं।

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

Amazon का 2030 प्लान: भारत में $35 बिलियन निवेश, AI, एक्सपोर्ट और बहुत कुछ
महिला पत्रकार के साथ पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने की घटिया हरकत-Watch Video