CTD report on Bomb blast: आतंकवादियों को प्रश्रय देने वाला पाकिस्तान अब खुद उसी आंतकवादी में फंसता जा रहा है। पाकिस्तान में आए दिन बम विस्फोट ने तमाम जिंदगियां लील ली। रविवार को आतंकवादियों ने जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास ब्लास्ट किया। इसमें दो चीनी नागरिक मारे गए और डेढ़ दर्जन के आसपास लोग घायल हुए। पाकिस्तान के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में इस धमाके को पाक-चीन रिश्तों को बिगाड़ने की साजिश करार दिया है। पाकिस्तानी अथॉरिटीज का कहना है कि चीन की दोस्ती में दरार डालने के लिए लगातार चीनी नागरिकों को टारगेट किया जा रहा है।
आतंकवाद निरोधी विभाग यानि काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) ने एंटी-टेररिज्म कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी है। सीटीडी रिपोर्ट के अनुसार, आत्मघाती बम विस्फोट पाकिस्तान-चीन संबंधों को नुकसान पहुंचाने की साजिश के तहत की गई है। इस विस्फोट का उद्देश्य चीनी इंजीनियरों को निशाना बनाना था ताकि चीन के नागरिकों में खौफ पैदा हो और वे देश छोड़ने पर मजबूर हो जाएं।
कौन है इन हमलों के पीछे?
सीटीडी रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) इस हमले के पीछे है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने यह हमला किसी विदेशी खुफिया एजेंसी की सहायता से किया गया था। किसी अज्ञात आतंकवादी ने विस्फोटक विस्फोट करने से पहले अपना वाहन चीनी नागरिकों के काफिले के निकट खड़ा किया था। एक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना में 70 से 80 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था।
चीन भी करा रहा है जांच
चीन ने कहा कि उसने कराची में हुए घातक आत्मघाती बम हमले के बाद पाकिस्तान में एक इंटर-एजेंसी वर्किंग ग्रुप भेजा है।
एयरपोर्ट पर हुआ था हमला
रविवार को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने चीनी नागरिकों के काफिले को निशाना बनाकर हमला किया। आत्मघाती विस्फोट में दो चीनी नागरिक मारे गए। जबकि 17 लोग घायल हो गए। जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास हुए विस्फोट में संदिग्ध आत्मघाती हमलावर की भी मौत हो गई। स्टेशन हाउस ऑफिसर की निगरानी में एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
कैसे हुआ हमला?
दरअसल, चीनी नागरिक शहर के बाहरी इलाके में पोर्ट कासिम इलेक्ट्रिक पावर कंपनी में काम कर रहे। चीनी नागरिकों के काफिले पर जब हमला हुआ तो वह काम से घर लौट रहे थे। सीटीडी की रिपोर्ट में हत्या, हत्या का प्रयास, हमला, विस्फोटक सामग्री का उपयोग और आतंकवाद सहित अन्य आरोपों को शामिल किया गया है।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) में हजारों चीनी कर्मचारी पाकिस्तान में विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। यह करीब 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर की परियोजना है।
बलूचिस्तान के विद्रोही लगातार बना रहे निशाना
ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से सटा बलूचिस्तान लंबे समय से हिंसक विद्रोह की चपेट में है। बलूच विद्रोही ग्रुपों ने पहले भी CPEC परियोजनाओं को निशाना बनाकर कई हमले किए हैं। बलूचिस्तान के विद्रोही लगातार चीन और पाकिस्तान सरकार पर क्षेत्र के संसाधनों और लोगों के शोषण का आरोप लगा रहे हैं। बलूचिस्तान लगातार खुद को पाकिस्तान से अलग होने के लिए लड़ाई लड़ रहा।
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