जो बाइडेन ने बुधवार को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इसके बाद उन्होंने अपनी इनॉगरल स्पीच में लोकतंत्र, कोरोना से लेकर कैपिटल हिंसा तक का जिक्र किया। बाइडेन ने कहा, आज का दिन अमेरिका का दिन है। यह लोकतंत्र का दिन है। यह उम्मीदों का दिन है। आज हम किसी उम्मीदवार का जश्न मनाने नहीं जुटे हैं। हम लोकतंत्र के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं।
वॉशिंगटन . जो बाइडेन ने बुधवार को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इसके बाद उन्होंने अपनी इनॉगरल स्पीच में लोकतंत्र, कोरोना से लेकर कैपिटल हिंसा तक का जिक्र किया। बाइडेन ने कहा, आज का दिन अमेरिका का दिन है। यह लोकतंत्र का दिन है। यह उम्मीदों का दिन है। आज हम किसी उम्मीदवार का जश्न मनाने नहीं जुटे हैं। हम लोकतंत्र के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं।
कैपिटल हिंसा पर क्या बोले बाइडेन
अमेरिका में 6 जनवरी को ट्रम्प के समर्थकों ने हिंसा की थी। इसे लेकर बाइडेन ने कहा, यहां पर हुई हिंसा ने कैपिटल की बुनियाद को हिला दिया था, जबकि दो सौ साल से सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण हो रहा था। उन्होंने कहा, मैं दोनों दलों के पूर्व राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा। उस राष्ट्रपति को भी सलाम, जो यहां नहीं आए। लेकिन उन्हें अमेरिका की सेवा करने का मौका मिला।
कोरोना का किया जिक्र
बाइडेन ने कहा, हम अच्छे लोग हैं। हमें अभी भी काफी लंबा रास्ता तय करना है। हमें बहुत कुछ करना है। हमें बहुत कुछ बनाना है, बहुत कुछ हासिल करना है। हालांकि, जैसा मुश्किल वक्त है, वैसा हमने कबी नहीं देखा। ऐसा द्वितीय विश्वयुद्ध में भी नहीं हुआ था। आज लाखों नौकरियां चली गईं। कारोबार बंद हो गए।
आतंकवाद पर क्या बोले बाइडेन
बाइडेन ने अपनी स्पीच में आगे कहा, हम चरमपंथ, व्हाइट सुप्रीमेसी, आतंकवाद जैसी चीजों को शिकस्त देंगे। अमेरिका का भविष्य तय करने के लिए शब्दों से भी आगे जाकर बहुत कुछ करने की जरूरत होती है। एकजुट रहना, एकता बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने कहा, हम गुस्सा, नफरत, चरमपंथ, हिंसा, नाउम्मीदी को एकजुट होकर हरा सकते हैं। हम इंसाफ कायम कर सकते हैं।
हिंसा से हमारा काम साइलेंस नहीं होगा
हाल ही में हुई हिंसा को लेकर उन्होंने कहा, हिंसा हमारे काम को साइलेंस नहीं कर सकता। अगर आप असहमत हैं, तो रहिए। यही अमेरिका है। शांति बनाए रखते हुए असहमति रखी जा सकती है। मैं हर एक अमेरिकी का राष्ट्रपति हूं। मैं वादा करता हूं कि जो मुझे सपोर्ट नहीं करते, उनका भी मैं उतना ही राष्ट्रपति हूं, जितना मेरे समर्थकों का हूं।
सत्ता और फायदे के लिए बोले जाते हैं झूठ
बाइडेन ने कहा, मौका, सुरक्षा, गरिमा और सच का सम्मान होना चाहिए। सत्ता और मुनाफे के लिए झूठ बोले जाते हैं। नेता इसलिए संविधान की शपथ लेते हैं ताकि वे सच का साथ दें और झूठ को शिकस्त दें।
हमें बहुत कुछ करना है-बाइडेन
बाइडेन ने कहा, हमें बहुत कुछ करना है। मैं वादा करता हूं, हमें परखा जाएगा। हमें आंका जाएगा। हम मिलकर अमेरिकी इतिहास का नया महान अध्याय लिखेंगे। हमने अगर ये कर दिखाया तो आने वाली पीढ़ियां कहेंगे कि हमने अच्छा काम किया। मैं संविधान की रक्षा करूंगा। लोकतंत्र की रक्षा करूंगा। अमेरिका की हिफाजत करूंगा। हमें अमेरिकी की नई कहानी लिखनी है, जो डर से नहीं, उम्मीदों से भरी हो। गॉड ब्लेस अमेरिका। थैंक यू अमेरिका।