अमेरिका में आज नए जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इसी के साथ डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति हैं। कोरोना वायरस और ट्रम्प के चुनाव नतीजों को ना मानने से इस बार शपथ ग्रहण में तमाम ऐसी चीजें हैं, जो पहली बार हो रही हैं।
वॉशिगंटन. अमेरिका में आज नए जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इसी के साथ डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति हैं। कोरोना वायरस और ट्रम्प के चुनाव नतीजों को ना मानने से इस बार शपथ ग्रहण में तमाम ऐसी चीजें हैं, जो पहली बार हो रही हैं।
टूटेगा 150 साल पुराना रिकॉर्ड
- अमेरिका के 150 साल से ज्यादा पुराने इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोई राष्ट्रपति अपने उत्तराधिकारी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो रहे हैं। ट्रम्प ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं, जो बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे। ट्रम्प और मेलानिया दोनों इस कार्यक्रम से पहले फ्लोरिडा के लिए उड़ान भरेंगे।
बाइडेन अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति
- बाइडेन का पूरा नाम जोसेफ रॉबिनेट बाइडेन जूनियर है। उनका जन्म 1942 में पेन्सिलवेनिया के स्क्रैंटन में हुआ था। बाइडेन (78) अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे। इससे पहले रोनाल्ड रीगन (1981-89) ने 73 साल की उम्र में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।
25000 जवान तैनात
- हाल ही में ट्रम्प समर्थकों ने यूएस कैपिटल में हिंसा की थी। इसी के मद्देनजर बाइडेन की शपथ ग्रहण समारोह में 25000 जवानों को तैनात किया गया है। ताकि किसी भी तरह की कोई अनचाही घटना ना हो।
बाइडेन 2 बार उपराष्ट्रपति रहे, तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव की रेस में थे
- बाइडेन 6 बार सीनेटर रह चुके हैं। वे तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव की रेस में थे। सबसे पहले वे 1988 में चुनाव में उतरे थे, हालांकि, साहित्यिक चोरी के आरोप में उन्हें पीछे हटना पड़ा। इसके बाद उन्होंने 2008 में चुनाव के लिए कोशिश की।बाइडेन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के करीबी माने जाते हैं। वे ओबामा के राष्ट्रपति रहते 2008 से 2016 तक दो बार उपराष्ट्रपति रहे।
कमला हैरिस भी रचेंगी इतिहास
- अमेरिकी इतिहास में कमला हैरिस पहली महिला उपराष्ट्रपति हैं। इसके अलावा वे पहली भारतीय-अफ्रीकी मूल की अश्वेत महिला हैं, जो इस पद पर काबिज होंगी।
अमेरिका में 4 लाख लोगों की हो चुकी मौत
- अमेरिका में अब तक कोरोना से 4 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में बाइडेन का शपथ ग्रहण और उनका भाषण काफी अहम माना जा रहा है। इस भाषण से यह तय होगा कि वे किस तरह से कोरोना महामारी का सामना करेंगे।
लॉकडाउन में रहेगा वॉशिंगटन
- सिर्फ महामारी के चलते ही शपथ ग्रहण समारोह में बदलाव किए गए हैं, बल्कि 6 जनवरी को यूएस कैपिटल में हुई हिंसा भी इसकी एक वजह है। इसी के चलते सड़कों पर और नेशनल मॉल में भीड़ भाड़ नहीं होगी। शहर लॉकडाउन की तरह रहेगा।
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