पाकिस्तान में इमरान खान पूरी तरह से सेना की कठपुतली बन चुके हैं। यहां तक की सरकार पर अब पूरी तरह से सेना का कंट्रोल है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में हाल ही में दावा किया गया है कि इमरान सरकार में 12 अहम पदों पर सेना के मौजूदा या पूर्व अफसर तैनात हैं। इनमें से 3 लोगों की नियुक्ति पिछले 2 महीनों में हुई है।
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में इमरान खान पूरी तरह से सेना की कठपुतली बन चुके हैं। यहां तक की सरकार पर अब पूरी तरह से सेना का कंट्रोल है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में हाल ही में दावा किया गया है कि इमरान सरकार में 12 अहम पदों पर सेना के मौजूदा या पूर्व अफसर तैनात हैं। इनमें से 3 लोगों की नियुक्ति पिछले 2 महीनों में हुई है।
इमरान पाकिस्तान में बड़े बड़े वादे कर सत्ता में आए थे। लेकिन कोरोना, गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई और भ्रष्टाचार के चलते इमरान खान की लोकप्रियता काफी घट गई है। इसलिए सेना का सरकार पर होल्ड बड़ा है। हालांकि, पाकिस्तान में यह नई बात नहीं है। पाकिस्तान में सरकारें सेना की कठपुतली बनकर ही रह जाती हैं।
पाकिस्तान में सरकार पर हावी सेना
जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान में सेना सरकार से ज्यादा शक्तिशाली है। सेना ने ही अब तक यानी 7 दशकों तक देश पर शासन किया है। अटलांटिक काउंसिल में नॉन-रेसिडेंट सीनियर फैलो उजैर युनूस ने बताया कि अहम पदों पर सेना के अफसरों की भर्ती कर सरकार ये जता रही है कि देश की नीति बनाने में और उन्हें लागू करने में पाकिस्तान के लोगों की कोई जगह नहीं है।
इमरान का कम्युनिकेशन एडवाइजर भी सैन्यकर्मी
पाकिस्तान में इन दिनों सेना के अफसर ही ब्रीफिंग करते नजर आते हैं। ये अफसर कोरोना टास्क फोर्स में भी हैं। रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा अब इमरान खान के एडवाइजर बन गए हैं।
सेना और सरकार में क्यों बढ़ा तनाव?
इमरान को सत्ता तक पहुंचाने में सेना ने ही मदद की थी। 2017 के चुनाव से पहले भी उनपर सेना के करीबी होने का आरोप लगता रहा है। लेकिन इमरान इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं। लेकिन महामारी और आर्थिक संकट के चलते सरकार और सेना में तनाव देखने को मिला है। यहां तक की लॉकडाउन लगाने का फैसला भी सेना की ओर से लिया गया था।
जीडीपी में लगातार आ रही गिरावट
पाकिस्तान में आर्थिक विकास दर माइनस में पहुंच गई है। ऐसा पहली बार हुआ है। इतना ही नहीं पाकिस्तान की सेंट्रल बैंक का अनुमान है कि जून के आखिर तक जीडीपी में 1.5% की गिरावट भी आएगी। आईएमएफ ने अप्रैल मे पाकिस्तान को 1.4 अरब डॉलर का इमरजेंसी फंड दिया था। पाकिस्तान की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं। अहम पदों पर सेना के अफसरों की नियुक्ति से इमरान की सत्ता पर पकड़ कमजोर होती रहेगी और वे दबाव में आएंगे।