अमेरिका में भी CAA और NRC को समर्थन, भारतीयों ने कई शहरों में की रैलियां

Published : Dec 25, 2019, 12:54 PM IST
अमेरिका में भी CAA और NRC को समर्थन, भारतीयों ने कई शहरों में की रैलियां

सार

संसद में जब से नागरिकता विधेयक पारित हुआ है तब से भारत में प्रदर्शन चल रहे हैं राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करने के साथ ही इस विधेयक ने कानून की शक्ल अख्तियार कर ली है  

वाशिंगटन: बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी नागरिक संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी के समर्थन में सामने आए हैं और वे इस विवादित कानून के बारे में ''गलत सूचनाओं और मिथकों को दूर'' करने के लिए अमेरिका के कई शहरों में रैलियां कर रहे हैं।

संसद में जब से नागरिकता विधेयक पारित हुआ है तब से भारत में प्रदर्शन चल रहे हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करने के साथ ही इस विधेयक ने कानून की शक्ल अख्तियार कर ली है। सरकार ने मंगलवार को 2021 की जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) के लिए 12,700 करोड़ रुपये की मंजूरी दी और यह साफ किया कि एनपीआर का विवादित एनआरसी से कोई संबंध नहीं है।

सिएटल, ऑस्टिन तथा ह्यूस्टन में रैलियां

रैली के आयोजकों ने बताया कि इन रैलियों का उद्देश्य कानून के बारे में ''गलत सूचनाओं और मिथकों को दूर करना'' और साथ ही घृणा और झूठ के दुष्प्रचार का विरोध करना है। उन्होंने बताया कि भारतीय-अमेरिकियों ने दिसंबर में सिएटल, 22 दिसंबर को ऑस्टिन तथा 20 दिसंबर को ह्यूस्टन में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने सीएए समर्थक रैलियां की।

डबलिन, ओहियो और उत्तर कैरोलिना में 22 दिसंबर को रैलियां की गईं। आयोजकों ने बताया कि डलास, शिकागो, सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क सिटी, वाशिंगटन डीसी, अटलांटा, सैन जोस और अन्य स्थानों पर भी आगामी सप्ताहों में कई अन्य प्रदर्शन करने की योजना है।

प्रतिष्ठित डॉक्टरों और सामुदायिक नेताओं ने लिया भाग

डबलिन ओहियो रैली के एक आयोजक विनीत गोयल ने कहा, ''हमने सीएए और एनआरसी के बारे में इस्लामिक और वामपंथी संगठनों में फैले भय को दूर करने के लिए यह रैली आयोजित की। साथ ही इस डर को भी दूर करने के लिए रैली की कि सीएए के साथ एनआरसी मुस्लिमों को भारत से निकालने के लिए लाया जा रहा है।''

सिएटल रैली की एक आयोजक अर्चना सुनील ने कहा कि सीएए और एनआरसी के विरोधियों के पास गलत सूचनाएं हैं और वे तथ्यों पर बात नहीं करना चाहते या तथ्यों को सुनना नहीं चाहते। उत्तर कैरोलिना के रालेघ में रैली में 70 से अधिक प्रतिष्ठित डॉक्टरों और सामुदायिक नेताओं ने भाग लिया।

उन्होंने मांग की कि भारत में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों को सख्त सजा दी जाए और इन गतिविधियों के पीछे के सरगनाओं को बख्शा न जाए।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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