
वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत-अमेरिका की महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों पर पहल(India-US initiative on Critical and Emerging Technologies) यानी क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (iCET) को दोनो देशों के लिए एक डेमोक्रेटिक टेक्नोलॉजी ईकोसिस्टम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया है। बता दें कि iCET को भारत-अमेरिका संबंधों में 'नेक्स्ट बिग थिंग' के रूप में पेश किया जा रहा है। 31 जनवरी को यहां व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(NSA) जेक सुलिवन और भारत के NSA अजीत के डोभाल ने लॉन्च किया था।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे(White House Press Secretary Karine Jean-Pierre) ने अपनी डेली न्यूज कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति का मानना है कि यह इनिशियेटिव अमेरिका और भारत के लिए एक डेमोक्रेटिक टेक्नोलॉजी ईकोसिस्टम बनाने, हमारे डेमोक्रेटिव वैल्यूज और हमारे डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशंस को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, हम इसे अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण पहल और भारत के साथ साझेदारी के रूप में देखते हैं।
iCET को बिडेन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर लॉन्च किया गया है, जिन्होंने मई 2022 में अपनी टोक्यो बैठक के बाद दोनों देशों की सरकारों, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी(strategic technology partnership) और रक्षा औद्योगिक सहयोग(defense industrial cooperation) को बढ़ाने और विस्तारित करने की घोषणा की थी।
जीन पियरे ने कहा-"राष्ट्रपति(बाइडेन) और प्रधान मंत्री मोदी ने इस पहल की घोषणा तब की, जब वे पिछले साल, 2022 के मई में टोक्यों में एक बैठक में मिले थे। उन्होंने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों(NSA) को महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों में हमारी साझेदारी का नेतृत्व करने का निर्देश दिया था।"
पियरे ने कहा-हमने डिफेंस इनोवेशन, सेमीकंडक्टर स्पेस, 5G और STEM टैलेंट में अपनी घोषणाएं कीं। हम आने वाले महीनों और वर्षों में इस गति के निर्माण की आशा करते हैं। तो फिर, एक महत्वपूर्ण साझेदारी, दो दोस्तों के बीच एक पहल जो दो देश हैं।"
यह पूछे जाने पर कि क्या यह पहल चीन की ओर टार्गेटे है? प्रेस सचिव ने कहा कि यह किसी एक देश के बारे में नहीं है। उन्होंने कहा-आप उस भू-राजनीतिक संदर्भ(geopolitical context) को इग्नोर नहीं कर सकते, जिसमें हम रहते हैं। जैसा कि आपने मुझसे चीन के बारे में पूछा, लेकिन यह पहल किसी एक देश के बारे में नहीं है, सिर्फ एक देश के बारे में है। यह वास्तव में उससे कुछ बड़ा है, दो दोस्तों के बीच संबंध, दो देश जो कुछ समय के लिए भागीदार रहे हैं।”
पियरे ने कहा-दुनिया की दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं और लोकतंत्रों के रूप में इस साझेदारी को मजबूत करना और अपने लोगों के लिए वितरित करना हमारे हित में है, जब आप दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं और लोगों के बारे में सोचते हैं। इसलिए हमें लगता है कि यह आगे की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है और हम इस इनोवेशन इनिशेयेटिव पर आगे बढ़ना जारी रखेंगे।"
एक अलग संवाददाता सम्मेलन में विदेश विभाग के उप प्रेस सचिव वेदांत पटेल ने संवाददाताओं से कहा कि महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी पर अमेरिका-भारत की पहल रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी और रक्षा औद्योगिक सहयोग को उन्नत और विस्तारित करेगी।
उन्होंने कहा-हमने संयुक्त विकास और उत्पादन के साथ अपने रक्षा सहयोग का भी विस्तार किया। यह जेट इंजन, गोला-बारूद से संबंधित तकनीकों और अन्य प्रणालियों से संबंधित परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेगा।
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