भारत-पाकिस्तान सीज़फायर पर ट्रंप का U turn, बोले-मैंने युद्ध विराम नहीं कराया केवल मदद की

Published : May 15, 2025, 08:26 PM ISTUpdated : May 15, 2025, 08:57 PM IST
US President Donald Trump (File Photo/ @POTUS)

सार

Trump U turn on ceasefire: Operation Sindoor के बाद भारत-पाकिस्तान युद्धविराम पर अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बदला बयान, कहा- "मैं नहीं कहूंगा कि मैंने मध्यस्थता की", भारत की स्थिति से हुआ मेल। जानिए क्यों ट्रंप को लेना पड़ा यू-टर्न।

Trump U turn on ceasefire: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुए तनाव और युद्धविराम को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अब एक बदला हुआ रुख दिखाया है। जहां पहले उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों के बीच सीजफायर के लिए मध्यस्थता की थी लेकिन अब ट्रंप ने यू टर्न ले लिया है। अब ट्रंप ने कहा कि मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैंने किया लेकिन मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच समस्या सुलझाने में मदद की।

7 मई को हुआ था Operation Sindoor, ट्रंप ने किया था दावे का प्रचार

भारत ने 7 मई को Operation Sindoor के तहत पाकिस्तान के आतंकी ढांचों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों की जवाबी कार्रवाई के रूप में की गई थी।

इसके बाद पाकिस्तान ने 8 से 10 मई के बीच भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन भारत की एयर डिफेंस ने पाकिस्तानी ड्रोन और हमलों को नाकाम कर दिया। जवाब में भारत ने भी पाकिस्तान के कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया।

10 मई को हुआ युद्धविराम, भारत का दावा – बिना किसी तीसरे पक्ष की भूमिका

10 मई तक, दोनों देशों के डीजीएमओ (DGMO) के बीच सीधे संवाद के जरिए युद्धविराम पर सहमति बनी। भारत ने साफ कहा कि इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी, न अमेरिका की, न किसी और की।

ट्रंप ने पहले क्या कहा था?

ट्रंप ने Truth Social पर दावा किया था कि अमेरिका की मध्यस्थता में 'लंबी रात की बातचीत' के बाद युद्धविराम हुआ। उन्होंने खुद को कश्मीर समाधान में मददगार भी बताया और इसे ‘ऐतिहासिक फैसला’ कहा था। उन्होंने दावा किया था कि ट्रेड बंद करने की धमकी के बाद दोनों देश सीज़फायर के लिए तैयार हुए थे।

अब क्यों लिया ट्रंप ने यू-टर्न?

गुरुवार को कतर के अल-उदीद एयरबेस पर अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने अपनी टोन नरम की और कहा: मैं नहीं कहूंगा कि मैंने किया, लेकिन मैंने मदद की। उम्मीद है कि यह सुलझ गया है। दो दिन बाद अगर कुछ और हुआ, तो मैं कुछ नहीं कह सकता।

यह बयान भारत की उस सख्त स्थिति के अनुकूल दिखता है जिसमें भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को नकारता रहा है, खासकर कश्मीर (Kashmir issue) को लेकर।

‘चलो युद्ध करने के बजाय व्यापार करते हैं’: ट्रंप की नई सोच

अपने बयान में ट्रंप ने व्यापार पर भी जोर दिया और कहा कि चलो युद्ध करने के बजाय व्यापार करते हैं। पाकिस्तान खुश था, भारत खुश था। वे लगभग 1,000 साल से लड़ रहे हैं। मैंने कहा, मैं सुलझा सकता हूं। लेकिन यह कठिन है।

छठी बार बोले ट्रंप लेकिन अब कम आत्मविश्वास के साथ

यह छठा मौका है जब ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान युद्धविराम पर टिप्पणी की है, लेकिन इस बार उनका लहजा पहले से काफी कम आत्मविश्वासी और अनिश्चित नजर आया।

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