
India Pakistan Tension: 22 अप्रैल को पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ते भारत-पाक तनाव पर अमेरिका (United States) ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। यूएस ने पहली बार आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि दोनों देश जिम्मेदार समाधान की ओर बढ़ने की कोशिश करें। भारत को संयम बरतना चाहिए, पाकिस्तान को आतंकवाद पर कार्रवाई करना चाहिए।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने रॉयटर्स को ईमेल के जरिए कहा कि यह स्थिति तेजी से बदल रही है और हम लगातार नज़र रखे हुए हैं। भारत और पाकिस्तान की सरकारों से विभिन्न स्तरों पर संपर्क में हैं। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि सभी पक्ष जिम्मेदारी के साथ हल निकालें। हम भारत के साथ खड़े हैं और पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की सख्त निंदा करते हैं। अमेरिका ने इशारा किया है कि आतंक के खिलाफ कार्रवाई किए बिना पाकिस्तान वैश्विक समर्थन खो सकता है। हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस (JD Vance) ने भी पहलगाम टेरर अटैक की निंदा करते हुए भारत का समर्थन किया था।
22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। यह हमला 2019 के पुलवामा (Pulwama) हमले के बाद सबसे बड़ा बताया जा रहा है। इस हमले की जिम्मेदारी पहले द रेजिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front - TRF) ने ली थी जिसे पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba - LeT) का फ्रंट माना जाता है। हालांकि बाद में TRF ने खुद इस दावे से किनारा कर लिया।
हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच न केवल राजनयिक संबंध तनावपूर्ण हुए हैं बल्कि नियंत्रण रेखा (LoC) पर लगातार 8 रातों से गोलीबारी हो रही है। भारत ने सेना को पूर्ण ऑपरेशनल फ्रीडम दी है, वहीं पाकिस्तान ने PoK में दो महीने का राशन स्टॉक करने और मदरसों को बंद करने जैसे आपात कदम उठाए हैं।
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