
ढाका। भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश (Bangladesh) पाकिस्तान (Pakistani) से आजादी के 50 साल पूरे होने के अवसर पर स्वर्णिम विजय दिवस (Vijay Diwas) मना रहा है। बांग्लादेश को आजादी भारत और पाकिस्तान के बीच हुए जंग के नतीजे में मिली थी। भारतीय सेना ने 13 दिन में पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने को मजबूर कर दिया था, जिसके बाद बांग्लादेश को पाकिस्तानियों द्वारा किए जा रहे नरसंहार से मुक्ति मिली थी।
पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं का बड़े पैमाने पर नरसंहार किया था। 27 मार्च 1971 को पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेश के ढाका में स्थित ऐतिहासिक रमना काली मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। पाकिस्तानी सेना ने यह कार्रवाई ऑपरेशन सर्चलाइट के तहत की थी। इसे पाकिस्तानी सेना ने उस समय के पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली राष्ट्रवादी आंदोलन का दमन करने के लिए शुरू किया था।
100 हिंदुओं का हुआ था नरसंहार
मंदिर में मौजूद करीब 100 हिंदुओं का नरसंहार किया गया था। पाकिस्तानी सेना ने करीब आधे घंटे में तमाम श्रद्धालुओं और मंदिर के पुजारियों की हत्या की। मंदिर में रहने वाले सेवादारों को भी पाकिस्तानी सैनिकों ने नहीं छोड़ा। नरसंहार के बाद मंदिर में तोड़फोड़ की गई। इसे पूरी तरह तहस नहस कर दिया गया और आग लगा दी गई।
पाकिस्तानी सेना द्वारा बर्बाद किए जाने से पहले रमना काली मंदिर की गिनती बांग्लादेश के प्रमुख मंदिरों में होती थी। सोलहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में केदार राय, विक्रमपुर और श्रीपुर के जमींदार ने अपने गुरु के लिए इस मंदिर का निर्माण किया था। परिसर में कई पुराने और नए स्मारक मंदिरों की संरचना मौजूद थी। इसी प्रांगण में हरिचरण और गोपाल गिरि की समाधि थी। 2017 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बांग्लादेश यात्रा के दौरान घोषणा की गई थी कि भारत मंदिर के पुनर्निर्माण में मदद करेगा। भारत की मदद से मंदिर का पुनर्निर्माण हो गया है। बांग्लादेश की तीन दिन की यात्रा पर गए भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज इसका लोकार्पण करेंगे।
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