
नई दिल्ली: भारत ने बांग्लादेशी उत्पादों पर रोक लगा दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को अपने नीचे दबाने के लिए बाजार के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकता। केंद्र ने यह भी कहा कि बांग्लादेश द्विपक्षीय व्यापार की शर्तें अपने फायदे के लिए तय नहीं कर सकता। सत्ता परिवर्तन के बाद भारत से दूरी और पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ाने वाले बांग्लादेश के लिए केंद्र सरकार का यह फैसला एक बड़ा झटका है।
शनिवार को बांग्लादेश से तैयार कपड़े और खाद्य उत्पादों के बंदरगाहों के रास्ते आयात पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन मौजूदा फैसले के मुताबिक, फल, पेय पदार्थ, खाद्य पदार्थ, प्लास्टिक, पीवीसी जैसे उत्पादों को जमीनी रास्ते से चेकपोस्ट के जरिए लाने पर रोक लगाई गई है।
यह भारत द्वारा चावल, धागे आदि के निर्यात पर बांग्लादेश द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का जवाबी कदम है। आम तौर पर दोनों देशों के बीच जमीनी रास्ते से होने वाले आयात-निर्यात का खर्च कम होता है। लेकिन अब इन उत्पादों पर जमीनी रास्ते से रोक लगाने से इन्हें बंदरगाह के रास्ते भेजना होगा। इससे बांग्लादेश का खर्च बढ़ेगा।
इससे बांग्लादेश के कपड़ा व्यापार और खाद्य व्यापारियों को बड़ा झटका लगेगा। फिलहाल भारत, बांग्लादेश में बनने वाले कपड़ों का प्रमुख बाजार है। यहीं पर केंद्र सरकार का यह कदम बांग्लादेश के लिए बड़ा झटका साबित होगा। हालांकि, यह रोक नेपाल और भूटान को जाने वाले बांग्लादेशी उत्पादों के निर्यात को प्रभावित नहीं करेगी।
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