
India US Free Trade Agreement: भारत और अमेरिका के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (India-US Free Trade Agreement) को लेकर अहम प्रगति हुई है। सितंबर या अक्टूबर तक इसका औपचारिक ऐलान हो सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बीच यह डील नई व्यापार नीति के लिए खास मानी जा रही है। हालांकि, अभी कोई डेट सामने नहीं आ सका है लेकिन बताया जा रहा है कि अक्टूबर में मिनी डील संभावित है।
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक (Howard Lutnick) ने हाल में साफ कहा था कि 1 अगस्त एक सख्त डेडलाइन है। उसके बाद टैरिफ लगेंगे। ट्रंप प्रशासन ने 2 अप्रैल को 26% तक टैरिफ की घोषणा की थी जो स्टील, ऑटो पार्ट्स और एल्युमिनियम जैसे भारत के बड़े निर्यातों को प्रभावित कर सकते हैं।
भारत और अमेरिका के बीच पांचवें दौर की बातचीत हाल ही में वाशिंगटन में संपन्न हुई है। भारतीय वार्ताकार शनिवार को स्वदेश लौटे हैं जबकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 15 अगस्त के आसपास भारत आएगा।
टैरिफ की डेडलाइन तक अगर फ्री ट्रेड एग्रीमेंट नहीं हुआ तो माना जा रहा है कि कुछ मुद्दों पर डील दोनों देश करेंगे। कहा जा रहा कि अगर फुल FTA संभव न हुआ तो दोनों देश ‘मिनी डील’ (Mini Deal) कर सकते हैं जिससे भारी टैरिफ से बचा जा सके। इस डील के तहत स्टील, ऑटोमोटिव और कपड़ा जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को राहत दी जा सकती है।
अमेरिका ने भारत से डेयरी सेक्टर में ड्यूटी में रियायत की मांग की थी लेकिन दावा किया जा रहा है कि भारत ने साफ कर दिया है कि किसी भी FTA पार्टनर को ऐसी छूट नहीं दी गई है और अमेरिका को भी नहीं मिलेगी। साथ ही भारत ने WTO नियमों के तहत ‘प्रतिशोधात्मक शुल्क’ (Retaliatory Tariffs) लगाने का अधिकार सुरक्षित रखा है।
अमेरिका चाहता है कि भारत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, वाइन, पेट्रोकेमिकल और इंडस्ट्रियल गुड्स के आयात पर कुछ रियायतें दे। इन मुद्दों पर बातचीत जारी है।
इसी बीच भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (India-UK FTA) भी लगभग तय हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी 23-24 जुलाई को लंदन यात्रा पर रहेंगे और कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल के साथ समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इस डील में भारत के 99% निर्यात और UK के 90% आयात पर ड्यूटी खत्म कर दी जाएगी।
वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत का अमेरिका को निर्यात 22.8% बढ़कर 25.51 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 11.68% बढ़कर 12.86 अरब डॉलर रहा। यह बताता है कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनता जा रहा है।
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