F-7 Fighter Jet Crash: चीन के इस लड़ाकू विमान का क्या है MiG 21 से नाता, क्यों खरीदते हैं बांग्लादेश जैसे देश

Published : Jul 21, 2025, 04:31 PM ISTUpdated : Jul 21, 2025, 05:39 PM IST
 Bangladesh Air Force F 7 Jet

सार

बांग्लादेशी वायुसेना का एक F-7 लड़ाकू विमान क्रैश हो गया है। यह तीसरी पीढ़ी का चीनी फाइटर जेट है। इसे रूस से लाइसेंस लेकर MiG 21 के आधार पर तैयार किया गया है।

F-7 Jet Crash: बांग्लादेश एयर फोर्स का लड़ाकू विमान F-7 सोमवार को राजधानी ढाका में क्रैश हो गया। एक इंजन वाला यह विमान माइलस्टोन नाम के कॉलेज पर गिरा, जिससे 19 लोगों की मौत हो गई और करीब 100 घायल हो गए।

F-7 Fighter Jet क्या है?

F-7 चीन द्वारा बनाया गया छोटा और कम वजन वाला लड़ाकू विमान है। इसका नाता रूस के MiG-21 विमान से है। F-7 का असली नाम Chengdu Jian-7 है। इसके एक्सपोर्ट वर्जन को F-7 नाम दिया गया है। चीन ने रूस से MiG-21 का अपना वर्जन तैयार करने के लिए लाइसेंस लिया था। इसके बाद उसने MiG-21 के आधार पर J-7 फाइटर जेट बनाया। इसे F-7 से नाम से दूसरे देशों को बेचा। इसे दूसरे विमान को इंटरसेप्ट करने के साथ ही जमीन पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया था।

F-7 को क्यों खरीदते हैं बांग्लादेश जैसे देश?

चीन F-7 को अमेरिका, रूस, फ्रांस या दूसरे देशों के लड़ाकू विमानों की तुलना में कम कीमत में बेचता है। इसके साथ ही वह गरीब लेकिन उसके लिए सामरिक रूप से अहम देशों जैसे बांग्लादेश और पाकिस्तान को अपने लड़ाकू विमान दूसरी रियायतों के साथ भी देता है। ऐसे देश जिनके पास आर्थिक संसाधन सीमित हैं वे चीन के लड़ाकू विमानों की ओर रुख करते हैं। चीन ने F-7 को अल्बानिया, बांग्लादेश, बर्मा, मिस्र, ईरान, इराक, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, सूडान, तंजानिया और जिम्बाब्वे को निर्यात किया है।

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2120 km/h है F-7 की अधिकतम रफ्तार

F-7 में एक Liyang Wopen-13F/WP-7 टर्बोजेट इंजन लगा है। इस विमान की अधिकतम रफ्तार 2120km/h और रेंज 2,000 किमी है। विमान का वजन 5292kg है। यह अधिकतम 9100 kg वजन के साथ उड़ सकता है। इस लड़ाकू विमान में 30mm के दो तोप हैं। यह हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाले कई मिसाइल ले जा सकता है। इससे 50-500 kg तक के बम गिराए जा सकते हैं। 55 मिमी का रॉकेट पॉड भी लगाया जा सकता है।

1966 में J-7 ने भरी थी पहली उड़ान

J-7 या F-7 तीसरी पीढ़ी का पुराना विमान है। इसने पहली बार 1966 में उड़ान भरी थी। 2013 तक इसका उत्पादन किया गया। 2400 से अधिक ऐसे विमान बनाए गए।

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