
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने पाकिस्तान के लोकतंत्र और आतंकवाद पर गंभीर सवाल उठाए हैं। भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत हरीश परवथनेनी ने खुली बहस में बताया कि पाकिस्तान ने अपने चुने हुए प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में डालकर और अपने रक्षा प्रमुख आसिम मुनीर को आजीवन सुरक्षा प्रदान करके लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी की है। परवथनेनी ने कहा, "पाकिस्तान अपने लोगों की इच्छा का सम्मान करने का एक अनोखा तरीका अपनाता है। प्रधानमंत्री को जेल में डालना, सत्तारूढ़ राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाना और संवैधानिक तख्तापलट की अनुमति देना, जबकि रक्षा बलों के प्रमुख को आजीवन छूट देना – ये सब लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।" उन्होंने पाकिस्तान की आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता और सैन्य नेतृत्व की बढ़ती ताकत पर भी प्रकाश डाला। उनका कहना था कि यह स्थिति दक्षिण एशिया के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है।
UNSC में भारत ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं। परवथनेनी ने स्पष्ट किया, "ये क्षेत्र भारत के हैं, रहे हैं और हमेशा रहेंगे। पाकिस्तान के दावे झूठे हैं और कोई वैध आधार नहीं रखते।"
भारत ने इस मौके पर सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने का कारण भी समझाया। परवथनेनी ने कहा कि भारत ने 65 साल पहले दोस्ताना और सद्भावना की भावना से इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे। लेकिन पाकिस्तान ने इन वर्षों में तीन युद्ध और हजारों आतंकवादी हमले करके संधि की भावना का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान आतंक का वैश्विक केंद्र बन गया है और जब तक वह सीमा पार और आतंकवाद के अन्य रूपों पर अपना समर्थन पूरी तरह खत्म नहीं करता, तब तक यह संधि रोक दी जाएगी।"
पाकिस्तान के प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार अहमद ने कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर को लेकर UNSC की प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया है और सिंधु जल संधि को सस्पेंड करना अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने इसे "अनसुलझा विवाद" बताते हुए न्यायपूर्ण समाधान की मांग की।
भारत ने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा हैं। परवथनेनी ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है और उसने पिछले चार दशकों में हजारों भारतीयों की जान ली है। उन्होंने पहलगाम की हालिया घटना का हवाला दिया, जिसमें एक विदेशी नागरिक समेत 26 लोग मारे गए। भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता और सेना का बढ़ता दबदबा वहां लोकतंत्र और शांति दोनों के लिए खतरा हैं। इस बहस ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की छवि को सवालों के घेरे में डाल दिया।
यह बहस साबित करती है कि पाकिस्तान में लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं कमजोर हो रही हैं और सत्ता में सैन्य नेतृत्व का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। इमरान खान की जेल और आसिम मुनीर को दी गई सुरक्षा इस बात का प्रतीक हैं कि पाकिस्तान में लोकतंत्र खतरे में है।
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