NASA के मून मिशन की टीम में शामिल हुए भारतीय मूल के अनिल मेनन, दो साल की ट्रेनिंग के बाद चांद पर रखेंगे कदम

चांद पर अब तक भारत का कोई अंतरिक्ष यात्री नहीं गया है। हालांकि अब तक भारत के 4 लोग अंतरिक्ष में जा चुके हैं। भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 7, 2021 3:42 PM IST / Updated: Dec 07 2021, 09:31 PM IST

वॉशिंगटन। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA)ने अपने मून मिशन के लिए 10 ट्रेनी अंतरिक्ष यात्रियों को चुना है। इनमें भारतीय (Indian) मूल के डॉ. अनिल मेनन (Dr. Anil Menon) भी शामिल हैं। 45 वर्षीय अनिल अमेरिकी एयरफोर्स (American Airforce) में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और स्पेसएक्स में फ्लाइट सर्जन भी रहे। इस मिशन के लिए चुने गए 10 लोगों में 6 पुरुष और 4 महिलाएं हैं। नासा 50 साल बाद चांद पर इंसान भेजने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। चांद पर अब तक भारत का कोई अंतरिक्ष यात्री नहीं गया है। हालांकि, अब तक भारत के 4 लोग अंतरिक्ष में जा चुके हैं। इनमें राकेश शर्मा पहले अंतरिक्ष यात्री थे। उनके अलावा भारतीय मूल की कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स और राजा चारी अंतरिक्ष में जा चुके हैं। अगर अनिल NASA के मून मिशन का हिस्सा बनते हैं तो वे चंद्रमा पर जाने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति होंगे।

12 हजार आवेदन में से चुने गए 10 लोग, 2 साल होगी ट्रेनिंग 
नासा के पास मून मिशन के लिए 12 हजार लोगों के आवेदन आए थे। इनमें ट्रेनिंग के लिए सिर्फ 10 को चुना गया है। ये जनवरी 2022 से 2 साल तक ट्रेनिंग करेंगे। इसके बाद नासा के मिशन का हिस्सा बनेंगे। इस मिशन के तहत नासा 2025 में पहली महिला और एक पुरुष को चांद की सतह पर भेजने की योजना बना रहा है। मिशन के लिए जिन 10 लोगों को चुना गया है, उनमें लड़ाकू एवं परीक्षण पायलटों के अलावा, एक चिकित्सा भौतिक विज्ञानी, ड्रिलिंग विशेषज्ञ, समुद्री रोबोटिस्ट, स्पेसएक्स फ्लाइट सर्जन और बायोइंजीनियर शामिल हैं, जो एक चैंपियन साइकिल चालक भी रह चुके हैं। 

कौन हैं अनिल मेनन
भारतीय मूल के अनिल मेनन का जन्म यूक्रेन में हुआ था। वह अमेरिकी एयर फोर्स में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं। वह स्पेसएक्स के पहले फ्लाइट सर्जन थे, जिन्होंने नासा के स्पेसएक्स डेमो -2 मिशन के दौरान एक चिकित्सा संगठन का निर्माण किया था। डॉ मेनन के पास पहले से ही फ्लाइट सर्जन के रूप में नासा के साथ काम करने का अनुभव है। 45 वर्षीय अनिल मेनन एक प्रेक्टिसिंग इमरजेंसी मेडिसिन फिजिशियन हैं। वे अमेरिका के मिनेसोटा में पले-बढ़े हैं।  

अफगानिस्तान में भी रह चुके हैं तैनात
डॉ. अनिल मेनन को ऑपरेशन एंड्योरिंग फ्रीडम के लिए अफगानिस्तान में तैनात किया गया था। उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर पर्वतारोहियों की देखभाल के लिए हिमालयन रेस्क्यू एसोसिएशन के लिए काम किया था। एक पायलट के रूप में उन्होंने 1,000 घंटे से अधिक समय तक लॉग इन किया है। उनकी पत्नी अन्ना मेनन स्पेसएक्स में काम करती हैं और उनके दो बच्चे हैं।

यह भी पढ़ें
अजगर सूर्य को खा जाता है-आसमान से जहर गिरता है, जानें दुनिया में ग्रहण को लेकर क्या हैं डराने वाले भ्रम
स्विटरजलैंड में दर्द रहित सुसाइड मशीन को मंजूरी, कैप्सूल के अंदर जाते ही एक मिनट से भी कम समय में होगी मौत

Share this article
click me!