
नई दिल्ली। सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने लाइबेरिया के झंडे वाले जहाज एमवी लीला नोरफोक पर कब्जा कर लिया था। इस जहाज पर 15 भारतीय सवार थे। जहाज को समुद्री लुटेरों से मुक्त कराने और चालक दल की जान बचाने के लिए भारतीय नौसेना ने बड़ी कार्रवाई की है।
इंडियन नेवी का युद्धपोत आईएनएस चेन्नई समुद्री लुटेरों द्वारा अगवा किए गए जहाज को बचाने के लिए सोमालिया के तट पर पहुंचा है। अगवा जहाज के करीब पहुंचने के बाद नौसेना के मरीन कमांडो (मार्कोस) ने ऑपरेशन शुरू किया है। मार्कोस कमांडो अगवा किए गए जहाज के पास पहुंचे और लुटेरों को जहाज से निकल जाने की चेतावनी दी।
खलीफा बिन सलमान पोर्ट जा रहा था जहाज
इसके बाद भी लुटेरों ने जहाज खाली नहीं किया तो मार्कोस कमांडो अपहृत जहाज पर पहुंचे। वे लुटेरों का सफाया कर रहे हैं। जहाज पर मौजूद 15 भारतीय समेत चालक दल के 21 लोगों को बचा लिया गया है। सभी को बचाकर जहाज से निकाल लिया गया है। मालवाहक जहाज पोर्ट डू एको (ब्राजील) से चला था और बहरीन के खलीफा बिन सलमान पोर्ट जा रहा था। इसे सोमालिया से 300 समुद्री मील पूर्व में समुद्री डाकुओं ने अगवा कर लिया था।
समुद्री लुटेरों को रोकने के लिए गश्त कर रहा था आईएनएस चेन्नई
भारतीय नौसेना ने कहा है कि जहाज ने यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (यूकेएमटीओ) पोर्टल पर मैसेज भेजा था। इसमें कहा गया था कि 4 जनवरी की शाम को पांच से छह अज्ञात समुद्री लुटेरे जहाज पर चढ़े थे। समुद्र में अगवा किए गए जहाज के करीब आईएनएस चेन्नई था। यह समुद्री लुटेरों को रोकने के लिए गश्त कर रहा था।
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आईएनएस चेन्नई को जैसे ही खबर मिली कि एक जहाज को अगवा कर लिया गया है तो उसने अपना रास्ता बदल लिया। नौसेना के एक विमान ने शुक्रवार को अपहृत जहाज के ऊपर से उड़ान भरी और उसके साथ संपर्क स्थापित किया। अगवा किए गए जहाज को समुद्री लुटेरे सोमालिया के तट के पास ले आए थे। आईएनएस चेन्नई सोमालिया के तट के पास पहुंचा और जहाज को मुक्त करने के लिए अभियान शुरू किया।
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