
Imran Khan helicopter expense 1 billion rupees:पाकिस्तान में महंगाई से त्रस्त आवाम को इस स्थिति में पहुंचाने में राजनेताओं की शाहखर्ची भी कम जिम्मेदार नहीं है। नवाज शरीफ से लेकर इमरान खान तक हर किसी ने अपने तरीके से सरकारी खजाने का जमकर ऐशो आराम के लिए इस्तेमाल किया। इमरान खान जहां आवास से आने जाने के लिए वीवीआईपी हेलीकॉप्टर पर एक बिलियन रुपये खर्च कर दिए वहीं, पूर्व पीएम नवाज शरीफ आदि नेताओं ने कैंप कार्यालय के नाम पर खूब धन बहाया।
2019 से 2021 तक खर्च कर दिए हेलीकॉप्टर पर एक अरब
पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान ने प्रधानमंत्री पद पर बने रहते हुए हेलीकॉप्टर पर केवल एक बिलियन डॉलर रुपये खर्च कर दिए। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 से 2021 तक प्रधानमंत्री कार्यालय ने इमरान खान के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की यात्रा पर एक बिलियन रुपये खर्च किए हैं। फेडरल गवर्नमेंट ने अपने लिखित जवाब में सीनेट को सूचित किया कि 2019 से 2021 तक पीएमओ के निर्देशों के तहत 6 एविएशन स्क्वाड्रन द्वारा वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मिशनों पर 946.3 मिलियन रुपये की राशि खर्च की गई थी। इस दौरान इमरान खान देश के प्रधानमंत्री थे।
पीएम हाउस आने जाने के लिए 1,579.8 घंटे हेलीकॉप्टर पर खर्च
इमरान खान ने 2019 से मार्च 2022 तक 1,579.8 घंटे इस्लामाबाद में अपने बानी गाला आवास से पीएम हाउस तक आने-जाने के लिए आधिकारिक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया था। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय खजाने से इन यात्राओं पर ₹ 434.43 मिलियन की राशि खर्च की गई थी।
कैंप कार्यालयों पर किसने कितना किया खर्च...
कैंप कार्यालयों के व्यय पर भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने खूब धन खर्च किए हैं। सरकार ने कहा कि 2008 से पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा कैंप ऑफिसस पर आधिकारिक धन से कुल 26 मिलियन रुपये खर्च किए गए थे। मार्च 2008 से जून 2012 तक अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व प्रधान मंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी के तीन शिविर कार्यालय थे। दो लाहौर में और एक उनके गृहनगर मुल्तान में कैंप ऑफिस था। इन तीनों कैंप ऑफिसों पर 10.8 मिलियन रुपये खर्च किया गया था। नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ का चकवाल रोड पर एक कैंप ऑफिस था। जब वह जून 2012 से मार्च 2013 तक कार्यालय में थे और इस पर 5.5 मिलियन रुपये खर्च किए गए थे।
इसी तरह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने जून 2013 से जुलाई 2017 तक अपने कार्यकाल के दौरान लाहौर में अपने आवास पर अपना कैंप कार्यालय बनाया था जिसकी लागत ₹ 4.5 मिलियन थी। अगस्त 2017 से मार्च 2018 तक प्रधानमंत्री के पद पर रहने के दौरान उनके उत्तराधिकारी शाहिद खाकान अब्बासी का कैंप कार्यालय इस्लामाबाद में उनके आवास पर था। इस पर राजकोष से ₹ 5.2 मिलियन की राशि खर्च की गई थी।
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