गाजा से कीव तक भारत की ओर मध्यस्थता के लिए देख रही दुनिया, जानें खास वजह

विश्व नेता रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-गाजा संघर्ष में शांति स्थापित करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं। भारत की तटस्थ छवि और कूटनीतिक अनुभव उसे शांति वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सक्षम बनाते हैं।

Vivek Kumar | Published : Sep 8, 2024 11:52 AM IST / Updated: Sep 08 2024, 05:27 PM IST

नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) 10 से 11 सितंबर तक मास्को का दौरा करेंगे। वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे और रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) रोकने पर बात करेंगे। इस बीच इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने कहा है कि भारत रूस और यूक्रेन के बीच हो रही लड़ाई को खत्म करा सकता है।

यह पहली बार नहीं है जब विश्व नेताओं ने जंग खत्म कराने और शांति के लिए भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देखा है। गाजा से कीव तक विश्व नेताओं ने भारत की संभावित मध्यस्थ भूमिका का आग्रह किया है।

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भारत में फिलिस्तीनी राजदूत अदनान अबू अल-हैजा ने कहा कि भारत इजरायल और गाजा के बीच चल रहे संघर्ष में मध्यस्थता करने में भूमिका निभा सकता है। लंबे समय से भारत ने शांति के लिए काम किया है। भारत अपनी इस प्रतिष्ठा का इस्तेमाल जंग रोकने में कर सकता है।

फिलिस्तीन के राजदूत ने यह बयान तब दिया है जब गाजा और इजरायल के बीच लड़ाई पर दुनिया का ध्यान बढ़ गया है। वैश्विक नेता शांति प्रयासों में भारत के संभावित योगदान की बात कर रहे हैं। कूटनीतिक मध्यस्थता में भारत का स्थापित ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय विवादों में तटस्थ रुख अपनाया है। इससे जंग लड़ रहे दोनों पक्ष से भारत के लिए बात करना आसान हुआ है।

इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी ने कहा- भारत जंग रुकवाने में निभाए भूमिका

इससे पहले इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक के बाद भारत और चीन से यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया। मेलोनी ने जोर देकर कहा कि यूक्रेन को अकेला नहीं छोड़ा जा सकता। इटली कीव का समर्थन जारी रखेगा।

व्लादिमीर पुतिन ने कहा था- भारत, चीन और ब्राजील कर सकते हैं मध्यस्थता

बता दें कि गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि भारत, चीन और ब्राजील शांति वार्ता में मध्यस्थता कर सकते हैं। इस्तांबुल में शुरुआती वार्ता के दौरान रूस और यूक्रेन के बीच हुआ प्रारंभिक समझौता नए सिरे से बातचीत के लिए आधार बन सकता है।

यह भी पढ़ें- ट्रम्प की पार्टी ने बाइडेन पर लगाया आरोप, काम से ज्यादा इस बात पर लगाया ध्यान

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