
India-Pakistan: भारत और पाकिस्तान का इतिहास काफी पुराना है। दोनों के बीच आजादी के बाद से कई जंग लड़ी जा चुकी है। हालांकि, हर बार पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है। लेकिन इसके बावजूद वो हमेशा से अपनी नाकामी को दुनिया के सामने छुपाता घूमता है। वहीं कई ऐसे मौके भी आए जब उन्होंने सामने आकर सच को कबूला है कि भारत के खिलाफ कई बार साजिश को अंजाम दिया गया है। जैसा कि बीते दिनों पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने माना कि 1999 में कारगिल युद्ध में उनकी आर्मी शामिल थी।
कारगिल से जुड़ा सच्चा भले ही उन्होंने 25 सालों बाद जाकर कबूला है। लेकिन अतीत में उन्हें कई बार अपने नापाक साजिशों से बेपर्दा होना पड़ा है। आज हम आपको बताएंगे की कब-कब उनका झूठ का पुलिंदा दुनिया के सामने नंगा हुआ है। इसमें मुंबई हमला 26/11 से लेकर पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले का सच भी शामिल है।
मुंबई 26/11 हमले पर पाकिस्तान का बयान
पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री शेख राशिद ने मुंबई 26/11 हमले को लेकर अजमल कसाब से जुड़ा सच बताया था। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत को कसाब के बारे में तब तक कुछ भी पता नहीं चलता, जब तक नवाज शरीफ उन्हें सच्चाई नहीं बताते। उन्होंने ने भारत को कसाब के बारे में जरूरी जानकारी मुहैया कराई थी। बता दें कि मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद है, जो इस वक्त पाकिस्तान के एक जेल में कैद है। उसके ही प्लान के मुताबिक 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हमला किया गया था। जिसमें सैकड़ों मासूमों की जान गई थी।
तालिबान को पाकिस्तान का साथ
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने एक टीवी शो में कबूला था कि उनके ही मदद से तालिबान को स्थापित किया गया था और ताकतवर बनाया गया था। उन्होंने आतंकवादियों को आश्रय दिया था और उनकी भरपूर मदद पहुंचाई थी। उनके मदद से ही अफगानिस्तान 20 साल बाद अपने देश में अमेरिका के जाने के बाद वापस आई थी। इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी काफी मदद पहुंचाई थी।
पुलवामा में पाकिस्तान का हाथ
पाकिस्तान के मंत्री रहे फवाद चौधरी ने देश की संसद में साल 2020 में पुलवामा हमले को लेकर कहा था कि ये अटैच हमारी एक कामयाबी थी। उन्होंने कबूला था कि प्रधानमंत्री इमरान खान के देख-रेख में ही पुलवामा हमला किया गया था। इसके बाद भारत ने हमें घुसकर मारा था। बता दें कि पुलवामा हमला 14 February 2019 को हुआ था, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था।
पूर्व पीएम नवाज शरीफ का कारगिल युद्ध पर कबूलनामा
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था कि उन्होंने 28 मई 1998 को परमाणु हथियारों का परीक्षण किया था। इसके बाद भारत के तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेई ने हमारे साथ लाहौर डिक्लेरेशन समझौता किया था, जिसका हमने उल्लंघन किया था। ये हमारी सबसे बड़ी गलती थी।
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