
Israel-Iran Conflict: ईरान और इजराइल के बीच पिछले एक हफ्ते से जारी लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। वॉशिंगटन में स्थित मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स’ के मुताबिक, इज़राइल के हमलों में अब तक ईरान में कम से कम 639 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,329 लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में 263 आम लोग और 154 सुरक्षा बलों के जवान शामिल हैं। मंगलवार को ईरान ने तेल अवीव और यरुशलम सहित कई शहरों पर मिसाइलें दागीं। सायरन बजते ही लोग बंकरों में छिपने लगे। इजरायली सेना ने 100 से ज्यादा ईरानी ड्रोन और मिसाइलें मार गिराने का दावा किया है, लेकिन कुछ हमलों से बड़ा नुकसान हुआ है।
इजराइल और ईरान के बीच टकराव लगातार छठे दिन भी जारी है। दोनों देशों की ओर से हवाई हमले और मिसाइल हमले और ज्यादा तेज हो गए हैं।
इजराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान में बड़े पैमाने पर एयरस्ट्राइक की है। इस हमले में सैन्य ठिकानों, सेंट्रीफ्यूज बनाने वाली फैक्ट्री और हथियार तैयार करने वाले प्लांट को निशाना बनाया गया। हमले में इजराइल के 50 से ज्यादा लड़ाकू विमान शामिल थे।
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इजराइल के हमलों के जवाब में ईरान ने हाइपरसोनिक फतह-1 मिसाइलें तेल अवीव पर दागीं। इस हमले में शहर में भारी नुकसान हुआ और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी जारी की गई।
इजराइल के हमले शुरू होने के बाद से अब तक ईरान में कम से कम 220 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
इजराइल ने ईरान के इंटरनेट सिस्टम पर बड़ा साइबर अटैक किया है। वहीं, ईरान ने आरोप लगाया है कि व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम ने इजराइल को यूजर्स की जानकारी दी है। हालांकि मेटा ने इन आरोपों को खारिज किया है।
ईरान ने देश में इंटरनेट सेवा पर सख्त पाबंदी लगा दी है। सरकार का कहना है कि इजराइल इंटरनेट का गलत इस्तेमाल कर सकता है इसलिए एहतियात के तौर पर यह फैसला लिया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को सख्त चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका पर हमला हुआ तो ईरान को भारी नुकसान भुगतना पड़ेगा। हालांकि अमेरिका इस युद्ध में सीधे शामिल होगा या नहीं, यह अभी तय नहीं है।
इजराइल का कहना है कि उसके हमलों का मकसद ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना है। इसलिए वह उन जगहों पर हमला कर रहा है जहां परमाणु उपकरण बनाए जाते हैं।
रूस और यूएई ने इस संघर्ष को लेकर चेतावनी दी है कि इसके बहुत बुरे नतीजे हो सकते हैं। दोनों देशों ने मध्यस्थता की पेशकश भी की है। वहीं G7 देशों ने तनाव कम करने की अपील की है, लेकिन इजराइल के आत्मरक्षा के अधिकार को सही ठहराया है।
जंग के बीच भी इजराइल ने अपने देश के अंदर कुछ पाबंदियां हटाने और अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की घोषणा की है। इससे साफ है कि वह अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आश्वस्त है।
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