
Middle East Conflict : मिडिल ईस्ट में चल रहे तनाव को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) कनाडा में चल रहे G7 समिट छोड़कर वापस लौटने वाले हैं। इससे पहले उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने ईरान में हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया पर अपनी कड़ी चेतावनी में ट्रंप ने कहा, 'ईरान को उस समझौते पर पहले ही साइन कर देना चाहिए था, जिस पर मैंने जोर दिया था। अब बहुत देर हो चुकी है… ईरान के पास न्यूक्लियर हथियार नहीं हो सकते। सभी को तुरंत तेहरान छोड़ देना चाहिए।' ट्रंप के इस बयान के बाद ईरान की राजधानी तेहरान में अफरा-तफरी का माहौल है। कई लोग शहर से पलायन कर रहे हैं।
ट्रंप के इस बयान से अटकलें तेज हो गई हैं कि अमेरिका या इजराइल तेहरान पर कोई बड़ा सैन्य ऑपरेशन शुरू कर सकते हैं। खास बात ये है कि इजराइल पहले ही तेहरान पर कई बार एयरस्ट्राइक कर चुका है, जिनमें सिर्फ मिलिट्री टारगेट ही नहीं बल्कि आम रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाया गया था।
CBS न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने साफ किया कि इजराइल के हमलों में अमेरिका की कोई सीधी भूमिका नहीं है। हालांकि, व्हाइट हाउस ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को हाई अलर्ट पर रखा गया है और हर स्थिति के लिए तैयारी पूरी है।
13 जून से जारी इस खूनी संघर्ष में अब तक ईरान में 230 से ज्यादा लोगों की मौत, जिनमें मिलिट्री ऑफिसर और वैज्ञानिक भी शामिल हैं। घायलों की संख्या 1,200 पार पहुंच गई है। वहीं, इजराइल के भी 24 लोग मारे गए, जबकि करीब 250 से ज्यादा लोग घायल हैं। इजराइल ने ईरान की न्यूक्लियर साइट्स और सैन्य ठिकानों पर करारा हमला बोला है, वहीं ईरान ने भी तेल अवीव और हाइफा जैसे बड़े शहरों को मिसाइल टारगेट पर लिया है।
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