हिजाब विरोधी आंदोलन को कुचलने के लिए ईरान ने निकाला ये रास्ता, अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत

ईरान में पिछले एक महीने से जारी हिजाब विरोधी प्रदर्शन धीरे-धीरे हर एक शहर में फैलता जा रहा है। ईरानी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं हैं। इसी बीच, ईरान के शिक्षा मंत्री का एक बयान आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हिजाब का विरोध करने वाली छात्राएं मानसिक रोग से ग्रसित हैं।

Iran Hijab Row: ईरान में पिछले एक महीने से जारी हिजाब विरोधी प्रदर्शन धीरे-धीरे हर एक शहर में फैलता जा रहा है। ईरानी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं हैं। इसी बीच, ईरान के शिक्षा मंत्री का एक बयान आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हिजाब का विरोध करने वाली छात्राएं मानसिक रोग से ग्रसित हैं। इन सभी छात्राओं को साइकेट्रिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा रहा है, ताकि इन छात्राओं में पनप रहे असामाजिक व्यवहार को ठीक किया जा सके।

रेवोल्यूशनरी गार्ड्स तैनात किए गए :
हिजाब विरोधी प्रदर्शनों को रोक पाने में ईरान की पुलिस अब तक नाकामयाब रही है। ऐसे में राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी की विफलता को देखते हुए ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खमेनेई ने अब इस आंदोलन को दबाने के लिए रेवोल्यूशनरी गार्ड्स (सेना की एक ब्रांच) को तैनात किया है। बता दें कि रेवोल्यशूनरी गार्ड्स की तैनाती के बाद अब ईरान में महिलाओं पर और जुल्म बढ़ने की आशंका है। 

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200 से ज्यादा लोग मारे गए : 
ईरानी पुलिस ने हिजाब विरोधियों को दबाने के लिए गुरुवार रात को प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की। ईरान में हिजाब विरोधियों पर पुलिस फायरिंग के चलते अब तक 210 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा अब तक 2 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

ईरान में कैसे भड़की हिंसा?
13 सितंबर को ईरान की मॉरल पुलिस ने 22 साल की महसा अमिनी नाम की युवती को हिजाब न पहनने की वजह से तेहरान में गिरफ्तार किया था। इसके बाद 16 सितंबर को महसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में ही मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि अमिनी की मौत सिर पर चोट लगने की वजह से हुई। हालांकि, महसा अमीनी के परिजनों का दावा है कि उसकी मौत पुलिस की बर्बर हिंसा के चलते हुई है। महसा अमीनी की मौत के विरोध में तेहरान की सड़कों पर हजारों लोग उतर आए और हिजाब का विरोध करने लगे। 

क्या कहता है शरिया कानून? 
- ईरान एक इस्लामिक देश है, जहां शरिया कानून चलता है। ईरान में 7 साल से बड़ी लड़की को बिना हिजाब के घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। 
- इसके साथ ही लड़कियों को सात साल के बाद लंबे और ढीले कपड़े पहनने के लिए कहा जाता है। ईरान में कोई लड़की सार्वजनिक तौर पर किसी मर्द से हाथ नहीं मिला सकती है। 
- इतना ही नहीं, ईरान में पुरुष खेलों को देखने के लिए उसे स्टेडियम जाने की इजाजत भी नहीं होती। 
- ईरान के शरिया कानून के मुताबिक, महिलाओं को बाल ढंकने और ढीले-ढाले कपड़े पहनने के लिए मना किया जाता है। ऐसा न करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। 

शरिया कानून न मानने पर बेइंतहा जुल्म : 
ईरानी महिलाएं हिजाब पहनें, इसके लिए वहां की सरकार ने एक मॉरल पुलिस का गठन किया है, जो देश के हर छोटे-बड़े शहरों में हिजाब के नियम को लागू करवाने के लिए कई बार लोगों पर बेइंतहा जुल्म-ओ-सितम करती है। ईरान में सही तरीके से हिजाब न पहनने ओर सिर न ढंकने पर पुलिस जबर्दस्ती करती है। 

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