इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच युद्ध चल रहा है, और एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि इज़राइल एक फ़िलिस्तीनी को मारने के लिए ₹3.5 लाख खर्च करता है।
इज़राइल और फ़िलिस्तीन के हमास संगठन के बीच पिछ्ले 2023 से युद्ध चल रहा है। इसमें फ़िलिस्तीन में 60,000 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं। इस युद्ध से गाजा शहर पूरी तरह से तबाह हो गया है और लोगों के रहने लायक नहीं रहा। युद्धविराम लागू होने के बावजूद, हमास संगठन और इज़राइल एक-दूसरे पर हमला करने का आरोप लगा रहे हैं।
अमेरिका से हथियार खरीद रहा इज़राइल
इस बीच, गाजा में चल रहे संकट से निपटने के लिए अमेरिका ने इज़राइल को हथियार दिए हैं। यानी इज़राइल ने अमेरिका के साथ हथियार खरीदने का एक नया समझौता किया है। इस समझौते के तहत, इज़राइल अमेरिका से 8.8 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में लगभग ₹7,500 करोड़) के हथियार खरीदेगा।
लंबे समय का समझौता
अमेरिकी मीडिया ने खबर दी है कि इज़राइल को ये हथियार लंबे समय के समझौते के तहत दिए जाएंगे। कुछ हथियार अमेरिकी भंडार से इज़राइल को दिए जाएंगे। लेकिन ज़्यादातर हथियार देने में एक साल या उससे ज़्यादा का समय लगेगा।
तोप के गोले
इन हथियारों में हेलीकॉप्टरों में इस्तेमाल होने वाले 155 मिमी तोप के गोले और हेलफायर AGM-114 मिसाइलें शामिल हैं, जो अमेरिका इज़राइल को देगा। इसके अलावा, 250 किलो के घातक बम भी इज़राइल को दिए जाएंगे। इज़राइल इन बमों का इस्तेमाल गाजा से लेकर लेबनान तक बड़े पैमाने पर कर रहा है।
एक को मारने के लिए ₹3.5 लाख
गाजा की आबादी 21 लाख के करीब है। इससे यह डर है कि क्या इज़राइल द्वारा अमेरिका से खरीदे गए हथियारों का इस्तेमाल गाजा के लोगों को मारने के लिए किया जाएगा? इज़राइल पर गाजा में अस्पतालों और स्कूलों पर हमला करने का लगातार आरोप लगाया जा रहा है, और इसी बीच ये हथियार समझौते किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, फ़िलिस्तीन के गाजा में एक व्यक्ति को मारने के लिए इज़राइल 3.5 लाख रुपये खर्च करता है।
इज़राइल के प्रधानमंत्री क्या कह रहे हैं?
हाल ही में इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनका मकसद गाजा के आधे हिस्से पर कब्जा करना है। इज़राइली सेना इस दिशा में आगे बढ़ रही है। इन हथियारों में ईरान की भूमिका अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है। गौरतलब है कि अमेरिकी सीनेट ने इसे मंजूरी दे दी है।