इजरायली सेना ने गाजा के अल-शिफा हॉस्पिटल पर छापेमारी की है। यहां हमास के आतंकियों ने ठिकाना बना रखा था। बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र के ट्रकों के लिए 24 हजार लीटर डीजल दिए जाने को मंजूरी दी है।
तेल अवीव। फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास और इजरायली सेना की लड़ाई (Israel Hamas War) एक महीने से अधिक समय से चल रही है। 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले से इसकी शुरुआत हुई थी। इजरायली सैनिक गाजा में हमास के आतंकियों और उनके ठिकानों का सफाया कर रहे हैं। इस दौरान घमासान लड़ाई चल रही है।
इजरायली सेना ने बुधवार को बताया कि उसने गाजा के सबसे बड़े हॉस्पिटल अल-शिफा में छापेमारी की है। हॉस्पिटल के सूत्रों के अनुसार इजरायली सैनिक पश्चिमी हिस्से से घुसे थे। इस बीच इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र (UN) के ट्रकों के लिए 24 हजार लीटर डीजल दिए जाने को मंजूरी दी है। इस इंधन का इस्तेमाल गाजा पट्टी में ऑपरेट होने वाले यूएन के ट्रकों द्वारा किया जाएगा।
अरबी बोलने वाले मेडिकल टीम के साथ हॉस्पिटल गई इजरायली सेना
इजरायली सेना ने कहा गया है कि हॉस्पिटल में उसके जवान अरबी भाषा बोलने वाले मेडिकल टीम के साथ गए थे। इस जटिल और संवेदनशील टारगेट पर छापेमारी के लिए पहले ट्रेनिंग दी गई थी। इसका मकसद हमास द्वारा मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले आम लोगों को कम से कम नुकसान पहुंचाना था।
इजरायली सेना ने अस्पताल को खाली कराने में बड़े पैमाने पर मदद की है। अस्पताल अधिकारियों के साथ नियमित बातचीत की जा रही है। सेना ने बयान जारी कर कहा, "हम अस्पताल में मौजूद सभी हमास आतंकवादियों से आत्मसमर्पण करने का आह्वान करते हैं।"
इजरायली सेना ने कहा कि हमास बीमारों का इलाज करने के बजाय अस्पतालों का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए करता है। गाजा के लोगों का यह घृणित शोषण बंद किया जाना चाहिए। आईडीएफ हमास को हराने और हमारे बंधकों को छुड़ाने के लिए गाजा में जमीनी अभियान चला रहा है।
गाजा में हुई है 11 हजार से अधिक लोगों की मौत
गौरतलब है कि हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के चलते 1200 लोगों की मौत हुई है। हमास के आतंकियों ने 200 से अधिक लोगों को बंधक बनाकर रखा है। वहीं, हमास द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इजरायल द्वारा गाजा में किए जा रहे हमलों में 11 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है।