Israel Iran Conflict: क्या है परमाणु अप्रसार संधि? बाहर निकलने को तैयार ईरान, जानें असर

Published : Jun 16, 2025, 03:24 PM ISTUpdated : Jun 16, 2025, 03:31 PM IST
Israel attack on Iran

सार

इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध के चौथे दिन तक ईरान में 224 और इजरायल में 14 लोगों की मौत हुई। ईरान परमाणु अप्रसार संधि से बाहर निकलने पर विचार कर रहा है, जिससे तनाव और बढ़ सकता है।

Israel Iran War: इजरायल और ईरान के बीच लड़ाई सोमवार को चौथे दिन जारी है। इसकी शुरुआत शुक्रवार को इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले से हुई थी। इस जंग के चलते ईरान में करीब 224 लोगों की मौत हुई है। वहीं, इजरायल में 14 लोगों की जान गई है।

इजरायल ईरान के मिसाइल और हथियार ठिकानों को तबाह कर रहा है। इस बीच ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं कि ईरान परमाणु अप्रसार संधि (Non-Proliferation Treaty) से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाघई ने कहा कि ईरानी संसद परमाणु अप्रसार संधि से बाहर निकलने के लिए एक विधेयक तैयार कर रही है।

क्या है परमाणु अप्रसार संधि?

परमाणु अप्रसार संधि परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल में सहयोग को बढ़ावा देने, परमाणु निरस्त्रीकरण और सामान्य एवं पूर्ण निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के वैश्विक प्रयासों का केंद्र बिंदु है।

NPT पर साइन 1968 में किए गए थे। यह 5 मार्च 1970 को लागू हुआ। 11 मई 1995 को संधि को अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया गया। इस संधि पर 191 सदस्य देशों ने साइन किया है, जिसमें ईरान भी शामिल है। यह परमाणु अप्रसार, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग और परमाणु निरस्त्रीकरण के क्षेत्र में सबसे व्यापक रूप से पालन की जाने वाली संधि है।

NPT पर साइन करने का मतलब है कि वह देश अगर परमाणु शक्ति संपन्न नहीं है तो आगे चलकर परमाणु बम बनाने की कोशिश नहीं करेगा। वह परमाणु हथियार या अन्य परमाणु विस्फोटक उपकरणों का निर्माण नहीं करेगा। इन्हें खरीदने की कोशिश नहीं करेगा। जिन देशों के पास परमाणु हथियार हैं वे गैर परमाणु-हथियार संपन्न देशों को परमाणु हथियार या अन्य परमाणु विस्फोटक उपकरणों के निर्माण या अधिग्रहण में किसी भी तरह से सहायता नहीं करेंगे।

ईरान के परमाणु अप्रसार संधि से बाहर निकलने का क्या होगा असर?

ईरान पर चोरी छिपे परमाणु बम बनाने के आरोप लगे हैं। इजरायल ने भी यही आरोप लगाकर हमला शुरू किया था। कहा जाता है कि ईरान के पास परमाणु बम बनाने के लिए रेडियोएक्टिव मटेरियल है। इजरायल की कोशिश है कि ईरान को परमाणु बम बनाने में सफल नहीं होने दिया जाए। अगर वह ऐसा कर लेता है तो सबसे अधिक खतरा इजरायल को ही होगा।

ईरान ने परमाणु अप्रसार संधि पर साइन किया है। इसलिए वह खुलकर परमाणु बम बनाने की दिशा में नहीं बढ़ रहा है। अगर ईरान परमाणु अप्रसार संधि से बाहर निकल जाता है तो उसपर किसी तरह की बंदिश नहीं रहेगी। वह परमाणु हथियार बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ सकता है। हालांकि ईरान की सरकार ने बार-बार कहा है कि वह परमाणु हथियार बनाने की दिशा में नहीं बढ़ रही है।

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