
Trump Tariff Dispute: अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी जैफरीज की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ का मूल कारण उनकी अपनी नाराजगी लग रही है। भारत ने ट्रंप को पाकिस्तान के साथ लड़ाई के दौरान मध्यस्थता करने की अनुमति नहीं दी। इससे ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए दावा करने का मौका नहीं मिला।
जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के पीछे ट्रंप की "व्यक्तिगत नाराजगी" थी। टैरिफ के चलते भारत-अमेरिका के दीर्घकालिक रणनीतिक संबंधों में भारी गिरावट आई है। 50% टैरिफ 27 अगस्त से लागू हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है, शुल्क मुख्य रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति की व्यक्तिगत नाराजगी का परिणाम है। उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चली आ रही कटुता समाप्त करने में भूमिका निभाने की अनुमति नहीं दी गई।
बता दें कि ट्रंप ने बार-बार ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 7-10 तक भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को रुकवाने का श्रेय लेने की कोशिश की है। भारत ने इस बात को खारिज किया है कि युद्ध विराम पर सहमति में तीसरे देश का रोल था। भारत का कहना है कि पाकिस्तान के अनुरोध पर लड़ाई आगे नहीं बढ़ाने पर सहमति बनी। भारत ने बार-बार कहा है कि वह कश्मीर को लेकर पाकिस्तान से चल रहे विवाद में किसी भी प्रकार की तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं है।
भारत की स्थिति से भलीभांति परिचित होने के बावजूद ट्रंप ने शेखी बघारी कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच "परमाणु युद्ध" रोक दिया। धमकी दी थी कि यदि युद्ध विराम के लिए सहमत नहीं हुए तो टैरिफ लगा देंगे। इस साल की शुरुआत में ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की अपनी अपील को फिर से दोहराया था। अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत भारी आर्थिक नुकसान की आशंका के बावजूद किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता न करने की अपनी "रेड लाइन" पर कायम है।
यह भी पढ़ें- अमेरिका के टैरिफ अटैक का भारत ने निकाला तोड़, क्या इन 40 देशों के समर्थन से पलटेगा गेम?
जेफरीज की रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र को एक और बाधा बताई गई है। ट्रंप प्रशासन भारत के कृषि और डेयरी बाजारों तक व्यापक पहुंच चाहता है। भारत इसके लिए तैयार नहीं। इसके चलते भारत और अमेरिका के बीच विपक्षीय व्यापार समझौता अधर में लटका है। भारत में लगभग 25 करोड़ किसान और मजदूर अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। यह क्षेत्र भारत के वर्फफोर्स का लगभग 40% हिस्सा है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।