
Epstein Files Latest Update: अमेरिका में जेफ्री एप्सटीन (Jeffrey Epstein) केस से जुड़े नए दस्तावेजों ने फिर से हड़कंप मचा दिया है। इस बार टेक अरबपति एलन मस्क (Elon Musk), ब्रिटिश शाही परिवार के प्रिंस एंड्रयू (Prince Andrew), ट्रंप सहयोगी स्टीव बैनन (Steve Bannon) और टेक निवेशक पीटर थील (Peter Thiel) जैसे बड़े नाम इन फाइलों में मिले हैं। ये खुलासे शुक्रवार को सामने आए जब डेमोक्रेट सांसदों ने हाउस ओवरसाइट कमेटी को दिए गए दस्तावेजों का एक हिस्सा पब्लिक किया। यह वही कमेटी है जो यह जांच कर रही है कि आखिर एप्सटीन के खिलाफ चल रहे सेक्स ट्रैफिकिंग केस को किस तरह से संभाला गया।
एलन मस्क: कैलेंडर में 6 दिसंबर 2014 को एप्सटीन के प्राइवेट आइलैंड लिटिल सेंट जेम्स की यात्रा की संभावना दर्ज है। यह वही समय था जब एप्सटीन पहले से ही सेक्स ऑफेंडर के तौर पर रजिस्टर्ड हो चुका था।
स्टीव बैनन: फरवरी 2019 में बैनन और एप्सटीन के बीच एक ब्रेकफास्ट मीटिंग का ज़िक्र है।
पीटर थील: नवंबर 2017 के शेड्यूल में थील और एप्सटीन की लंच मीटिंग दिखाई गई है।
प्रिंस एंड्रयू: साल 2000 के फ़्लाइट मैनिफेस्ट में प्रिंस एंड्रयू का नाम दर्ज है। इसके अलावा वित्तीय रिकॉर्ड में मसाज, एक्सरसाइज, योगा के नाम पर एंड्रयू को पेमेंट का ब्योरा भी सामने आया है।
ये दस्तावेज इस बात की पुष्टि करते हैं कि एप्सटीन ने अपनी कुख्यात छवि के बाद भी बड़े राजनीतिक और कारोबारी चेहरों से मुलाकातें जारी रखीं। डेमोक्रेट्स का कहना है कि ये फाइलें दिखाती हैं कि एप्सटीन और ताकतवर लोगों के बीच संबंध कितने गहरे थे। रिपब्लिकन सांसदों ने डेमोक्रेट्स पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जानबूझकर सिर्फ सेलेक्टेड फाइलें जारी कीं ताकि राजनीतिक फायदे लिए जा सकें।
दिलचस्प बात यह है कि एलन मस्क खुद कई बार सार्वजनिक रूप से एप्सटीन फाइलों को लेकर सवाल उठा चुके हैं। जुलाई 2025 में मस्क ने कहा था, 'लोग ट्रंप पर कैसे भरोसा कर सकते हैं जब वह एप्सटीन फाइल्स जारी नहीं कर रहे?' इससे पहले उन्होंने ट्रंप की टैक्स और खर्च नीतियों पर भी निशाना साधा था और दावा किया था कि ट्रंप का नाम भी इन फाइलों में है।
जेफ्री एप्सटीन एक अरबपति फाइनेंसर था, जिस पर नाबालिग लड़कियों की सेक्स ट्रैफिकिंग का आरोप साबित हुआ। 2019 में फेडरल कस्टडी में रहते हुए उसने खुदकुशी कर ली। उसकी करीबी सहयोगी गिसलिन मैक्सवेल (Ghislaine Maxwell) वर्तमान में इसी केस में 20 साल की सजe काट रही हैं।
यह केस सिर्फ अपराध नहीं बल्कि ग्लोबल पावर नेटवर्क पर सवाल उठाता है। हर नए बैच के साथ साफ होता जा रहा है कि एप्सटीन का असर अमेरिकी राजनीति, ब्रिटिश शाही परिवार और टेक इंडस्ट्री तक फैला हुआ था। ये फाइलें उन पीड़ितों के लिए भी अहम हैं जो सालों से इंसाफ की उम्मीद कर रहे हैं। इसमें आगे के खुलासे भी अहम रहेंगे। कमेटी ने कहा है कि अभी जांच जारी है और आने वाले हफ्तों में और भी दस्तावेज सामने आ सकते हैं।
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