Gaza war: इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने पहुंचे तो दर्जनों राजनयिकों ने वॉकआउट कर दिया। नेतन्याहू को खाली कुर्सियों के आगे भाषण देना पड़ा। उन्होंने हमास से हथियार डालने के लिए कहा।
Israel PM Benjamin Netanyahu: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। इस दौरान एक अजीब स्थिति दिखी। नेतन्याहू सभा को संबोधित करने पहुंचे तो दर्जनों राजनयिकों ने गाजा में इजरायल के युद्ध का विरोध करते हुए वॉकआउट कर दिया। इसके चलते नेतन्याहू को खाली कुर्सियों के आगे भाषण देना पड़ा। नेतन्याहू ने "काम पूरा करने" की कसम खाई और कहा कि हमास पर दबाव बनाने के लिए उनके भाषण का पूरे गाजा में प्रसारण किया गया।
बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ लगे हैं युद्ध अपराधों के आरोप
बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में युद्ध अपराधों के आरोप हैं। उन्होंने घोषणा की कि इजरायल गाजा में "काम पूरा करेगा" और ऐसा "जितनी जल्दी हो सके" करेगा। अपने भाषण से पहले, उन्होंने इजरायली सेना को गाजा पट्टी के चारों ओर लाउडस्पीकर लगाने का आदेश दिया ताकि फिलिस्तीनियों तक उनके भाषण का प्रसारण किया जा सके।
विश्व मंच पर खुद को अलग-थलग पा रहा इजरायल
नेतन्याहू के भाषण के दौरान अरब और मुस्लिम देशों के लगभग सभी प्रतिनिधि बाहर चले गए। कई अफ्रीकी देशों और कुछ यूरोपीय देशों के प्रतिनिधि भी उनके साथ वॉकआउट में शामिल हो गए। यह वॉकआउट ऐसे समय किया गया है जब गाजा में चल रही लड़ाई के चलते इजरायल विश्व मंच पर खुद को अलग-थलग पाता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अलावा उसके पास कुछ ही सहयोगी बचे हैं।
महमूद अब्बास ने कहा-फिलिस्तीनी गाजा नहीं छोड़ेंगे
इससे पहले गुरुवार को फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने ट्रंप प्रशासन द्वारा वीजा देने से इनकार किए जाने के बाद, महासभा को दूर से संबोधित किया। अब्बास ने कसम खाई कि फिलिस्तीन के लोग इतनी सारी पीड़ा झेलने के बावजूद गाजा कभी नहीं छोड़ेंगे।
नेतन्याहू ने हमास नेताओं से कहा- हथियार डाल दें
नेतन्याहू के अनुसार, इजरायली खुफिया एजेंसियों ने गाजा के मोबाइल फोनों पर उनके संबोधन का सीधा प्रसारण किया। नेतन्याहू ने हमास नेताओं से आत्मसमर्पण करने, हथियार डालने और बंधकों को रिहा करने का आह्वान किया। नेतन्याहू ने कहा,
समय के साथ, दुनिया के कई नेता झुक गए। वे पक्षपाती मीडिया, कट्टरपंथी इस्लामी समूहों और यहूदी-विरोधी भीड़ के दबाव में झुक गए। एक जानी-मानी कहावत है, जब हालात मुश्किल होते हैं तो मजबूत लोग आगे बढ़ते हैं। यहां कई देशों के साथ ऐसा हुआ है कि जब हालात मुश्किल हुए तो उन्होंने घुटने टेक दिए।
यह भी पढ़ें- US Tariffs: नाटो प्रमुख का दावा, ट्रंप का टैरिफ दिखा रहा असर, मोदी ने यूक्रेन जंग पर पुतिन से की बात
उन्होंने कहा, "बंद दरवाजों के पीछे, सार्वजनिक रूप से हमारी निंदा करने वाले कई नेता निजी तौर पर हमें धन्यवाद देते हैं। वे मुझे बताते हैं कि वे इजरायल की खुफिया सेवाओं की कितनी कद्र करते हैं, जिन्होंने बार-बार उनकी राजधानियों में आतंकवादी हमलों को रोका है।"
यह भी पढ़ें- सबसे बड़े मुस्लिम देश ने क्यों दिया इजराइल का साथ? कहा- अब्राहम के 2 वंशजों को मिलकर रहना होगा
