
John Bolton on US India Tariff War: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने डोनाल्ड ट्रंप पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी नीति ने भारत को रूस (Russia) और चीन (China) से दूर लाने की दशकों की अमेरिकी कोशिशों को खतरे में डाल दिया है। बोल्टन के मुताबिक, भारतीय तेल आयात पर लगाए गए भारी टैरिफ, खासकर 50% से अधिक और 25% सेकेंडरी टैरिफ ने रिश्तों में तनाव पैदा किया है।
बोल्टन ने बातचीत में कहा कि ट्रंप ने अप्रैल में चीन के साथ एक छोटी-सी ट्रेड वॉर (Trade War) शुरू की लेकिन जल्द ही उसे रोक दिया और किसी भी बड़े टकराव से बचते रहे। इसके विपरीत, भारत पर कड़ा टैरिफ लगाया गया जबकि चीन पर ऐसा दबाव नहीं डाला गया। उन्होंने इसे पोटेंशियली एनॉर्मस मिस्टेक (Potentially Enormous Mistake) बताया।
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पूर्व NSA ने चेतावनी दी कि इस नीति से भारत का झुकाव रूस और चीन की ओर बढ़ सकता है और दोनों देश मिलकर अमेरिका के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि टैरिफ का उद्देश्य रूस को कमजोर करना था लेकिन इसका उल्टा असर हुआ है।
अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञ क्रिस्टोफर पाडिला (Christopher Padilla) ने भी चेतावनी दी कि इस कदम से भारत-अमेरिका संबंधों को लंबी अवधि का नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भारत यह सवाल कर सकता है कि अमेरिका भरोसेमंद साझेदार है या नहीं क्योंकि टैरिफ का असर लंबे समय तक याद रहेगा।
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बोल्टन ने द हिल (The Hill) में लिखे अपने आर्टिकल में कहा कि ट्रंप का चीन के साथ डील करने का उत्साह अमेरिकी रणनीतिक हितों की बलि चढ़ा सकता है। व्हाइट हाउस बीजिंग को टैरिफ दरों में न्यू दिल्ली की तुलना में ज्यादा रियायत देता दिख रहा है। अगर ऐसा है तो यह भारी भूल होगी।
भारत ने अब तक Russian Oil Import बंद करने से इनकार किया है और अमेरिकी टैरिफ को अनुचित और अव्यावहारिक बताया है। वहीं, रूस ने भारत का समर्थन करते हुए अमेरिका पर गैर-कानूनी व्यापार दबाव का आरोप लगाया है।
बोल्टन के अनुसार, अगले हफ्ते ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की मुलाकात में यह मुद्दा बड़ा राजनीतिक हथियार बन सकता है और पुतिन इसे अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
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