
Russia Ukraine War: 15 अगस्त 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अलास्का में रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे। दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन में चल रही लड़ाई रोकने को लेकर बात होगी। इसपर पूरी दुनिया खासकर भारत की नजर टिकी है। रूस के साथ भारत के गहरे संबंध हैं। वहीं, अमेरिका के साथ करीबी नाता है। रूसी तेल खरीदने के चलते ट्रंप ने भारत पर 50फीसदी टैरिफ लगाया है। लड़ाई बंद होती है तो उम्मीद है कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों को अमेरिकी प्रतिबंधों से ढील मिल सकती है। इससे भारत को भी लाभ की आशा है।
भू-राजनीतिक संतुलन: भारत अमेरिका और रूस दोनों के साथ रणनीतिक साझेदारी बनाए रखता है। इसका उद्देश्य प्रमुख शक्तियों के बीच संबंधों को संतुलित करना है। यूक्रेन जंग रोकने के लिए सफल बातचीत हुई तो दुनिया में तनाव कम होगा। इससे ऊर्जा, व्यापार स्थिरता और क्षेत्रीय सुरक्षा में भारत के हितों को लाभ होगा।
ऊर्जा और व्यापार स्थिरता: यूक्रेन की लड़ाई रुकी तो तेल की कीमत कम हो सकती है। इससे अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजारों में स्थिरता आ सकती है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। ऊर्जा सुरक्षा से हमारी अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
व्यापार: यूक्रेन की लड़ाई रुकने के बाद उम्मीद है कि अमेरिका रूस के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों में ढील देगा। इससे भारत के लिए रूस के साथ कारोबार करना आसान होगा।
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कम हो सकती है टैरिफ: रूसी तेल खरीदने के चलते अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। ट्रंप का आरोप है कि भारत तेल खरीदकर रूस को लड़ाई लड़ने के लिए पैसे दे रहा है। अगर जंग रुकती है तो उम्मीद है कि ट्रंप भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ में कमी करें।
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रूस से हथियारों की खरीद: भारत ने पांच S400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए रूस से 2018 में सौदा किया था। यूक्रेन जंग के चलते इसकी डिलीवरी में देर हुई है। तीन S400 एयर डिफेंस सिस्टम मिले हैं। भारत कुछ और S400 खरीदने की कोशिश में है। यूक्रेन जंग खत्म होने से उम्मीद है कि भारत को तेजी से रूसी हथियार मिलेंगे।
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