ब्राजील के रियो डी जेनेरियो की एक झुग्गी बस्ती(इसे यहां फेवेला कहते हैं) पर छापामार कार्रवाई करके 18 लोगों को मार डाला। पुलिस ने इन्हें संगठित अपराध समूह का हिस्सा बताया है। ब्राजील पुलिस कई सालों से इनके खिलाफ एक्शन लेती आ रही है। ब्राजील पुलिस पर क्यों लगा नरसंहार का आरोप, पढ़िए पूर बात...
वर्ल्ड न्यूज. ब्राजील में फिर संगठित अपराध समूहों(organized crime groups) के खिलाफ पुलिस के एक्शन में 18 से अधिक लोगों की मौत की खबर है। पिछले साल एक छापेमारी में 28 लोग मारे गए थे। जबकि इसी मई में एक महिला सहित 21 लोगों को मार गिराया गया था। इन समूहों ने पुलिस पर नरसंहार(massacre) का आरोप लगाया है। पुलिस ने 2010-20 तक 9,000 लोगों को गोलियों का शिकार बनाया। इनमें 75% से अधिक अश्वेत(Black) थे। पढ़िए फेवेला में क्या हुआ...
ब्राजील की बटालियन BOPE और कोर ने की रेड
रियो डी जेनेरियो(Rio de Janeiro) में फेवेला में पुलिस रेड में कम से कम 18 लोगों की जान चली गई। रियो डी जेनेरियो की नागरिक और सैन्य पुलिस ने गुरुवार रात (21) कॉम्प्लेक्सो डो अलेमो फेवेला में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। पुलिस ने इसकी जानकारी मीडिया को दी। बता दें कि फेवेला(favela) को आजकल एक समुदाय(community) के रूप में भी जाना जाता है। ब्राजील में यह एक प्रकार की झुग्गी बस्ती है, जो सरकार पर अपनी उपेक्षा करने का आरोप लगाती आई है। फोटो क्रेडिट- Mauro Pimentel/AFP(पहली तस्वीर पिछले दिनों हुए शूटआउट की है)
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इसमें 16 संदिग्ध, एक पुलिस अधिकारी और एक लोकल निवासी शामिल है। ऑपरेशन को गुरुवार सुबह बटालियन बीओपीई और कोर ने अंजाम दिया। ऑपरेशन के दौरान मारे गए सैन्य पुलिस अधिकारी 38 वर्षीय सार्जेंट ब्रूनो डी पाउला कोस्टा शामिल थे। एक पुलिस प्रवक्ता ने प्रो कॉन्फ्रेंस में कहा कि कॉम्प्लेक्सो डो अलेमाओ स्लम में मरने वालों में एक कानून प्रवर्तन अधिकारी( law enforcement officer) और इलाके में रहने वाली एक महिला भी शामिल हैं, जबकि 16 अन्य संगठित अपराध समूहों(organized crime groups) के सदस्य माने जाते हैं। इस ऑपरेशन में 10 बुलेट प्रूफ वाहनों और चार हेलीकॉप्टरों के साथ लगभग 400 अधिकारी शामिल थे।
मारे गए लोगों पर बैंक और अन्य लूट का आरोप था
इस ऑपरेशन में जो लोग मारे गए, उन पर बैंकों और अन्य व्यवसायों का माल ले जाने वाले वाहनों को लूटने का इल्जाम था। पुलिस प्रवक्ता इवान ब्लाज़ ने कहा कि ऑपरेशन का टार्गेट कॉम्प्लेक्सो डो अलेमाओ में आपराधिक गिरोहों के विस्तार को रोकना था। ऑपरेशन के प्रमुख प्रभारी अधिकारी कर्नल रोजेरियो लोबासो ने 50 वर्षीय महिला की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है। महिला के प्रेमी ने मीडिया को बताया कि ट्रैफिक लाइट पर रुकने के दौरान पुलिस ने उसे गोली मार दी थी। हालांकि कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने ऑपरेशन के दौरान अपने अधिकारियों के बर्ताव का बचाव करते हुए कहा कि सैन्य और गुरिल्ला रणनीति के साथ यूनिट पर हिंसक हमला किया गया था। यही नहीं, कथित गिरोह के सदस्यों ने नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था। मई में, विला क्रुज़ेइरो फेवेला में छापेमारी में 22 लोग मारे गए थे, जिसमें एक महिला भी शामिल थी।
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