श्रीलंका के नए राष्ट्रपति बनने के साथ ही रानिल विक्रमसिंघे ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। आर्मी ने गोटागोगामा विरोधस्थल पर धावा बोलकर प्रदर्शनकारियों के टेंट उखाड़कर फेंक दिए। वहीं कई नेताओं सहित 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को अरेस्ट किया है। पढ़िए ताजा अपडेट...
कोलंबो. रानिल विक्रमसिंघे(Ranil Wickremesinghe) ने 21 जुलाई को संसद परिसर में श्रीलंका के डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट रिपब्लिक के 8वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेते ही प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। सशस्त्र बलों ने गुरुवार देर रात प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर दी। उन्होंने कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय( presidential secretariat) के परिसर के बाहर और गाले फेस पर जमा हुए प्रदर्शनकारियों के तंबुओं को उखाड़ फेंका। वहीं कई नेताओं सहित 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को अरेस्ट किया है। श्रीलंकाई राष्ट्रपति सचिवालय के परिसर के बाहर सशस्त्र सैनिकों की भारी तैनाती की गई है। परिसर के बाहर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों ने बैरिकेडिंग की है। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच टकराव भी हुआ। इस बीच दिनेश गुणवर्धने को श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्होंने आज कोलंबो के फ्लावर रोड स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। पढ़िए कुछ अन्य अपडेट...
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रानिले के खिलाफ भी प्रदर्शन तेज होने लगे थे
श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के खिलाफ भी प्रदर्शन तेज होने के साथ ही गाले फेस पर प्रदर्शनकारी जमा होने लगे थे। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "रानिल विक्रमसिंघे हमें खत्म करना चाहते हैं और वे फिर से ऐसा कर रहे हैं। हम हार नहीं मानेंगे। हम अपने देश को इस गंदी राजनीति से मुक्त बनाना चाहते हैं।" प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास टेंपल ट्रीज(Temple Trees) के सामने बने कैम्प से प्रदर्शनकारियों के हटने के कुछ घंटे बाद आर्मी ने यह एक्शन लिया। प्रदर्शनकारियों ने पहले ही 22 जुलाई को राष्ट्रपति सचिवालय से हटने का ऐलान किया था।
आधी रात आर्मी पहुंची और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया
गोटागोगामा में अरेस्ट किए गए एक युवा प्रदर्शनकारी निपुण चरक जयशेखर ने मीडिया से कहा, "लगभग आधी रात तक हमने सुना कि सेना का एक विशाल दल गोटागोगामा की ओर जा रहा है और अचानक हमने उन्हें राष्ट्रपति सचिवालय की ओर भागते हुए देखा। इसके तुरंत बाद उन्होंने एरिया को घेर लिया और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर बेरहमी से हमला किया। यह देखकर हमें अवाक रह गए।" जैसे ही सैन्य हमला शुरू हुआ, जयशेखर ने इसे लाइव स्ट्रीम किया, लेकिन बाद में अराजकता की स्थिति बढ़ने पर उनका स्मार्टफोन कहीं गिर गया।
दरअसल, श्रीलंका के राजनीति और आर्थिक संकट(Sri Lanka political and economic crisis) संकट के बीच रानिल विक्रमसिंघे( Ranil Wickremesinghe) के नए राष्ट्रपति बनने के बावजूद प्रदर्शन रुक नहीं रहे हैं। बता दें कि जब रानिल विक्रमसिंघे शपथ ले रहे थे, तब प्रोग्राम का सरकारी टीवी पर लाइव टेलिकास्ट किया जा रहा था। अचानक अचानक बिजली गुल हो गई। इससे प्रसारण भी कुछ देर के लिए रोकना पड़ा था।
वयोवृद्ध राजनीतिज्ञ दिनेश गुणवर्धने श्रीलंका के नए प्रधान मंत्री
एक अनुभवी राजनेता और राजपक्षे परिवार के करीबी सहयोगी दिनेश गुणवर्धने को शुक्रवार को श्रीलंका के प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने की उम्मीद में अपने 18 सदस्यीय मंत्रिमंडल के साथ शपथ ली थी। प्रधानमंत्री गुणवर्धन के अलावा मंत्रिमंडल में 17 अन्य मंत्री हैं। अली साबरी, जो पहले वित्त मंत्रालय का नेतृत्व करते थे, को विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। प्रधान मंत्री गुणवर्धन को लोक प्रशासन गृह मामलों, प्रांतीय परिषदों और स्थानीय सरकार का अतिरिक्त विभाग दिया गया है। शेष मंत्रियों को उनके समान विभागों के साथ बनाए रखा गया है, जबकि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के पास वित्त मंत्रालय का कार्य बना रहेगा। विक्रमसिंघे ने कहा कि वह द्वीप के अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से निपटने के लिए सर्वदलीय सरकार बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं। श्रीलंका की राजनीति के दिग्गज 73 वर्षीय गुणवर्धने इससे पहले विदेश मंत्री और शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। अप्रैल में तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने उन्हें गृह मंत्री नियुक्त किया था।
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