
नई दिल्ली. इजरायल ने भी भारत के चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग से पहले अप्रैल 2019 में अपना स्पेसक्राफ्ट बेरेशीट चांद पर भेजा था। लेकिन इजरायल का स्पेसक्राफ्ट लैंड करते समय क्रैश हो गया और इस तरह इजरायल का मिशन सफल नहीं हो सका।
"स्मॉल कंट्री, बिग ड्रीम्स"
क्रैश होने से पहले बेरेशीट ने एक सेल्फी क्लिक की थी। जिसमें स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह से कुछ ही दूरी पर नजर आ रहा है। इस सेल्फी में बेरेशीट के गोल्डन लैग और क्राफ्ट पर लगा फ्लैग दिखाई दे रहा है। जिस पर लिखा है "स्मॉल कंट्री, बिग ड्रीम्स" इस सेल्फी के बाद बेरेशीट क्रैश हो गया था।
इस वजह से क्रैश हुआ स्पेसक्राफ्ट
आपको बता दें कि यह इजरायल का पहला प्राइवेट फंड स्पेसक्राफ्ट था। जिसे इजरायल की एक नॉन प्रॉफिट कंपनी ने लॉन्च किया था। वहीं अमेरिका की एक कंपनी आर्क मिशन फाउंडेशन भी इस प्रॉजेक्ट से जुड़ी थी। जानकारी के अनुसार, यह दुनिया का पहला निजी चंद्र अभियान था। अगर इजरायल को इस मिशन में सफलता मिलती तो इजरायल रूस, अमेरिका और चीन के बाद चांद पर यान उतारने वाला चौथा देश बन जाता। इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के अंतरिक्ष विभाग के महाप्रबंधक ओफेर डोरोन ने बेरेशीट के दुर्घटनाग्रस्त होने की पुष्टि की थी। डोरोन ने बताया था कि स्पेसक्राफ्ट के इंजन में तकनीकी खराबी के बाद इसका ब्रेकिंग सिस्टम बंद हो गया था। चंद्रमा की सतह से करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर इसका संपर्क पृथ्वी से टूट गया। यान दुर्घटनाग्रस्त होकर उतरने वाली जगह पर टुकड़े-टुकड़े होकर बिखर गया।
मिशन के साथ टारटीग्रेड्स भेजे थे
इजरायली स्पेसक्राफ्ट बेरेशीट को चांद पर भेजते समय उसमें एक विशेष तरह के पैकेज का प्रयोग किया था। जिसका नाम ल्यूनर लाइब्रेरी था। ऑर्क मिशन फाउंडेशन ने बेरेशीट पर इसे लगाया था। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य मानव इतिहास को चांद पर सुरक्षित करने का काम है। ल्यूनर लाइब्रेरी में मानव इतिहास से जुड़े कई उपकरण जैसे 3 करोड़ पन्नों में मानव इतिहास, इंसानों का डीएनए सैंपल और हजारों डिहाइड्रेटेड टारटीग्रेड्स थे।
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