कमला से कहीं ज्यादा उनकी मां का स्ट्रगल, लाइफ, लवस्टोरी दिलचस्प और रोमांचक है। कमला की मां श्यामला का गांव तमिलनाडु के तिरुवूरुर जिले में मन्नारगुड़ी के पास "पिंगनाडु" है। गांव में अब कोई रिश्तेदार नहीं रहता।
नई दिल्ली। ये अब तक के इतिहास का ऐसा पहला यूएस प्रेसीडेंशियल चुनाव है जिसकी भारत में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। कहने की जरूरत नहीं कि एकमात्र वजह वाइस प्रेसिडेंट के लिए डेमोक्रेट कैंडिडेट कमला देवी हैरिस का मैदान में होना है। कमला की उम्मीदवारी की वजह से अमेरिका और भारत, दोनों उनकी फैमिली बैकग्राउंड लोगों की दिलचस्पी में है। हो भी क्यों न, मौजूदा प्रेसिडेंट और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के अभियान को कमला के आने के बाद तगड़ी चुनौती जो मिलने लगी है।
डेमोक्रेट कैंडिडेट की मां श्यामला गोपालन (भारतीय) और पिता डोनाल्ड हैरिस (जमैकन मूल के) अमेरिकी नागरिक हैं। अमेरिका के साथ भारत और जमैका के तीन अलग कल्चरल माहौल में पली-बढ़ी कमला की जड़ें भारत के तमिलनाडु से जुड़ी हैं। लेकिन कमला से कहीं ज्यादा उनकी मां का स्ट्रगल, लाइफ, लवस्टोरी दिलचस्प और रोमांचक है। कमला की मां श्यामला का गांव तमिलनाडु के तिरुवूरुर जिले में मन्नारगुड़ी के पास "पिंगनाडु" है।
गांव में अब कोई रिश्तेदार नहीं रहता। मगर गांव का मंदिर अब भी कमला को खुद से जोड़े हुए है। श्यामला का जन्म यहीं हुआ। बाद में हायर एजुकेशन के लिए वो दिल्ली चली गईं। उन्होंने मात्र 19 साल की आयु में दिल्ली यूनिवर्सिटी में ग्रैजुएशन पूरा किया। दिल्ली के बाद आगे की पढ़ाई के लिए श्यामला, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी पहुंच गईं। यहां इंडोक्रोनोलॉजी में डॉक्टरेट पूरा करने के बाद श्यामला को वापस भारत भी लौटना था।
इस आंदोलन ने बदल दी मां श्यामला की जिंदगी
श्यामला और उनकी बेटी कमला की जिंदगी वो नहीं होती जो आज दिखती है। वो शायद अमेरिका में भी नहीं होतीं। मगर एक घटना ने सबकुछ बदल दिया। दरअसल, 1950 के दशक में जब श्यामला पढ़ाई खत्म कर अरेंज मैरिज (माता-पिता द्वारा तय की गई शादी) के लिए भारत वापस लौटने के बारे में सोच रही थीं, उस वक्त अमेरिका में सिविल राइट मूवमेंट चरम पर था। वहां के लोग आंदोलन कर रहे थे। इसमें भेदभाव की शिकार वहां की आबादी तो थी ही, इसमें बाहर के देशों से पढ़ाई करने आए ब्लैक और गेहुएं रंग के छात्रों की भी तादाद ठीक-ठाक थी।
भारत लौटकर अरेंज मैरिज करना चाहती थीं कमला की मां
तब सिविल राइट आंदोलन में श्यामला गोपालन खूब सक्रिय थीं और यही वो आंदोलन है जिसकी वजह से पहली बार उनकी मुलाकात डोनाल्ड हैरिस से हुई थी। डोनाल्ड भी श्यामला की तरह ही बर्कले में अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट पूरी करने जमैका से आए थे और वक्त के साथ अमेरिकी आंदोलन का हिस्सा बन गए। दोनों में प्यार हुआ और श्यामला ने हिंदू धर्म से बाहर एक ऐसे लड़के से शादी करने का फैसला किया जो न तो ब्राह्मण था और ना ही भारतीय। ये उस जमाने के हिसाब से बहुत ही बोल्ड फैसला था। परिवार बेटी के फैसले के साथ रहा। दरअसल, श्यामला के पिता पारंपरिक, शिक्षित और सांस्कृतिक थे लेकिन कट्टर नहीं थे।
My mother was very intentional about raising my sister, Maya, and me as strong, Black women. She coupled her teachings of civic duty and fearlessness with actions, which included taking us on Thursday nights to Rainbow Sign, a Black cultural center near our home. There we were always greeted with warm hugs and exposed to extraordinary people like Shirley Chisholm, Nina Simone, and Maya Angelou who helped show us what we could become. This #BlackHistoryMonth, I want to lift up my mother and the community at Rainbow Sign who taught us anything was possible, unburdened by what has been.
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भारतीय खानों का शौक, कमला हाथ पर लगाती थीं मेहंदी
शादी के बाद उन्होंने कमला और माया के रूप में दो बेटियों को जन्म दिया। श्यामला की बेटियों की परवरिश अलग परंपरा और संस्कृति के बीच "मिस्क्ड कल्चर" में हुई। 17 साल पहले एशियन वीक को दिए इंटरव्यू में कमला ने कहा था, "मेरे सभी दोस्त ब्लैक थे। हम साथ रहते थे। मैं इंडियन फूड बनाती थी और अपने हाथों पर मेहंदी भी लगाती थी। मैंने कभी अपने कल्चरल बैकग्राउंड को लेकर अटपटा महसूस नहीं किया।" यह भी बताया था, "हम ब्लैक बैपटिस्ट चर्च भी जाते थे और मंदिर में भी पूजा करते थे।" हालांकि मिक्स्ड कल्चर, पहनावे और परंपरा की वजह से कमला ने लोगों के कमेंट्स का सामना भी किया जिसका जिक्र उन्होंने कुछ इंटरव्यूज मेन किया है।
पिता के साथ जमैका और हर दो साल पर मां के साथ भारत रिश्तेदारों से मिलने आती थीं। श्यामला ने बेटियों के साथ कुछ वक्त कनाडा में भी बिताया। बाद में श्यामला वापस अमेरिका आ गई और यहीं कैंसर साइंटिस्ट के रूप में काम करने लगीं। इससे पहले कमला के जन्म के सात साल बाद श्यामला ने अर्थशास्त्र के प्रोफेसर पति डोनाल्ड हैरिस से तलाक ले लिया। दोनों का रिश्ता काफी सुलझा हुआ था। दोनों में उस तरह झगड़े नहीं हुए थे जैसा आमतौर पर सेपरेशन या तलाक के वक्त कपल्स के बीच होते हैं।
तलाक के वक्त किताबों के लिए झगड़े थे माता-पिता
माता-पिता के तलाक को लेकर कमला हैरिस ने बताया था, "उन्होंने पैसों को लेकर झगड़ा नहीं किया। उन्होंने सिर्फ एक चीज के लिए झगड़ा किया और वो ये था कि किताबें किसके हिस्से आएंगी।" कोलोन कैंसर की वजह से 2009 में श्यामला की मौत हो गई थी।
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तीन पीढ़ी से राजनीति और एक्टिविज़्म में शामिल है परिवार
श्यामला को परिवार से ही विरासत में एक्टिविज़्म मिला जिसे उन्होंने अपनी बेटियों को भी सौंपा। कमला हैरिस ने 2009 में आई अपनी किताब "स्मार्ट ऑन क्राइम" में इसका जिक्र भी किया है। इसके मुताबिक, श्यामला को उनके परिवार ने अपने फैसले लेने की इजाजत दी। श्यामला के पिता पीवी गोपालन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय थे और आजादी के बाद हाई रैंक अफसर भी बने। पीवी गोपालन ने एक अफसर के रूप में तब करप्शन के खिलाफ मोर्चा लिया और बाद में नए-नए आजाद हुए देश जाम्बिया के एडवाइजर के रूप में काम किया। श्यामला की मां यानी कमला की नानी भी कम्युनिटी एक्टिविस्ट थीं। वो गरीब महिलाओं के बीच बर्थ कंट्रोल को लेकर जागरुकता फैलाती थीं।
कमला पर पिता से ज्यादा मां का असर
श्यामला शुरू से ही सभी बाधाओं को तोड़ने वाली महिला नजर आती हैं। उन्होंने बेटियों को यही संस्कार दिए। डेमोक्रेट कैंडीडेट ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में मां को याद करते हुए लिखा भी, "मैं एक ऐसी मां (श्यामला) की बेटी हूं जिन्होंने सभी तरह की बाधाओं को पार किया। श्यामला हैरिस पांच फीट से ज्यादा लंबी नहीं थीं। लेकिन अगर आप कभी उनसे मिले होंगे तो यह महसूस हुआ होगा कि वो सात फीट से भी ज्यादा ऊंची थीं। उनमें गज़ब की स्पिरिट थी। मैं हर दिन शुक्रगुजार रहती हूं कि मुझे उन्होंने बड़ा किया।"
श्यामला गोपालन की हस्ती ही ऐसी थी कि उनकी बेटी ब्लैक पिता से भी ज्यादा अपनी भारतीय मां की पहचान के साथ प्रेसीडेंशियल चुनाव में कैम्पेन कर रही हैं। जबकि अमेरिका में भारतीय समुदाय की बजाय दूसरी ब्लैक कम्यूनिटी की संख्या बहुत ज्यादा है।
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