महंगाई के खिलाफ Kazakhstan में जनता सड़कों पर, 160 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए, US बोला-बंद करो गोली मारना

लंबे समय से मध्य एशिया के पूर्व सोवियत गणराज्यों (Ex Soviet Union Country) में सबसे स्थिर के रूप में देखा जाने वाला, कजाकिस्तान दशकों में अपने सबसे बड़े संकट का सामना कर रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 9, 2022 11:34 PM IST / Updated: Jan 10 2022, 05:07 AM IST

वाशिंगटन। कजाकिस्तान (Kazakhstan) में महंगाई के खिलाफ सड़कों पर उतरी जनता के विरोध प्रदर्शन हिंसात्मक हो चुके हैं। जनता और पुलिस या सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष में 160 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं। पूर्व सोवियत राष्ट्र में बढ़ती अशांति पर अमेरिका ने चिंता जताई है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को कजाकिस्तान के अशांति फैलाने के आरोपी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गोली मारने के आदेश की आलोचना की और तत्काल प्रभाव से जनता पर गोलियां बरसाने के आदेश को खत्म करने को कहा है।

एंटोनी ब्लिंकन ने आलोचना करते हुए बंद करने को कहा

एंटोनी ब्लिंकन ने कहा कि यह कुछ ऐसा है जिसे मैं पूरी तरह से अस्वीकार करता हूं। शूट-टू-किल ऑर्डर, जहां तक ​​​​मौजूद है, गलत है और इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कजाकिस्तान में घोषित किए गए आपातकाल की स्थिति के बारे में हमें वास्तविक चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि गुरुवार को विदेश मंत्री मुख्तार तिलेबर्दी के साथ बात की थी। ब्लिंकन ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि कज़ाख सरकार प्रदर्शनकारियों से उनके अधिकारों का सम्मान करने वाले तरीकों से निपटेगी।

160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं

मीडिया ने रविवार को बताया कि 1.9 करोड़ लोगों के ऊर्जा संपन्न देश में इस हफ्ते हुए हिंसक दंगों के बाद कजाकिस्तान में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और 5,800 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने दावा किया है कि 26 सशस्त्र अपराधी मारे गए थे और 16 सुरक्षा अधिकारी मारे गए थे।

कजाक राष्ट्रपति ने प्रदर्शनकारियों को बताया विदेशी आतंकी

कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट टोकायव (Kassym-Jomart Tokayev) ने शुक्रवार को टेलीविजन संबोधन में कहा कि स्थानीय और विदेशी आतंकवादी देश में कहर बरपा रहे हैं, और मैंने लॉ एनफोर्समेंट को बिना किसी चेतावनी के मारने के लिए गोली मारने का आदेश दिया है।

मॉस्को (Moscow) के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन ने हिंसा को रोकने में मदद करने के लिए कजाकिस्तान में सैनिकों को भेजने के बाद उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी धन्यवाद दिया।

ईधन की बढ़ती कीमतों से देश में फैली अशांति

लंबे समय से मध्य एशिया के पूर्व सोवियत गणराज्यों (Ex Soviet Union Country) में सबसे स्थिर के रूप में देखा जाने वाला, कजाकिस्तान दशकों में अपने सबसे बड़े संकट का सामना कर रहा है। यहा इन दिनों ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में व्यापक अशांति फैल गई है। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया और विशेष रूप से देश के सबसे बड़े शहर और आर्थिक केंद्र अल्माटी में पुलिस और सेना के साथ लोगों का संघर्ष हुआ। अशांति ने एक प्रमुख ऊर्जा निर्यातक और यूरेनियम के उत्पादक कजाकिस्तान की अस्थिरता की आशंका जताई गई है। 

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