सऊदी में 'ब्लड मनी' ने बचाई केरल के व्यक्ति की जान, 5 दिन में जुटाए 34 करोड़ की रकम

Published : Apr 13, 2024, 01:25 PM ISTUpdated : Apr 13, 2024, 05:15 PM IST
saudi hang

सार

कोझिकोड के स्थानीय लोगों ने कहा कि 2006 में रहीम की गलती के वजह से एक विकलांग लड़के की मौत हो थी। इसके बाद लड़के के परिवार वालों ने माफी देने से इनकार कर दिया और साल 2018 में उसे मौत की सजा सुना दी गई।

सऊदी अरब। सऊदी अरब में केरल के कोझिकोड का रहने वाला एक व्यक्ति बीते 18 सालों से मौत की सजा काट रहा है। अब उसे जेल से छुड़ाने के लिए पूरा शहर एक जुट हो गया। हाल ही में लोगों ने ​​34 करोड़ जुटाने के लिए एकजुट होकर रैली की है। आरोपी अब्दुल रहीम को 2006 में एक सऊदी लड़के की हत्या के आरोप में खाड़ी देश में 18 साल जेल में बिताए हैं। रैली के आयोजकों ने शुक्रवार (13 अप्रैल) को बताया कि पहले 5 दिन तक रिहाई के लिए काम करने के लिए गठित समिति केवल मामूली राशि ही जुटा सकी थी। लेकिन जैसे-जैसे अभियान तेज हुआ, दुनिया भर से केरल के लोगों की ओर से मदद आने लगी।

कोझिकोड के स्थानीय लोगों ने कहा कि 2006 में रहीम की गलती के वजह से एक विकलांग लड़के की मौत हो थी। इसके बाद लड़के के परिवार वालों ने माफी देने से इनकार कर दिया और साल 2018 में उसे मौत की सजा सुना दी गई। एक्शन कमेटी के सदस्यों ने मीडिया को बताया कि मौत की सजा के खिलाफ की गई अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। हालांकि, बाद में परिवार इस बात पर सहमत हुआ कि अगर रहीम ब्लड मनी का भुगतान करता है तो उसे माफ कर दिया जाएगा।

75 से अधिक संगठन ने जुटाए पैसे

एक आयोजक ने यहां मीडिया को बताया कि रियाद में 75 से अधिक संगठन, केरल स्थित व्यवसायी बॉबी चेम्मन्नूर, राज्य के विभिन्न राजनीतिक संगठन, आम लोगों ने धन जुटाने में हमारी मदद की। उनकी मां ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि इतनी रकम जुटाई जा सकती है। उन्होंने कहा, "मुझे कोई उम्मीद नहीं थी क्योंकि हमारे पास 34 करोड़ रुपये जुटाने का कोई साधन नहीं था। लेकिन किसी तरह यह सब संभव हो गया।"चेम्मनूर ने पैसे जुटाने के लिए पिछले कुछ दिनों में कई कार्यक्रम आयोजित किए। उन्होंने अपने एक उत्पाद की बिक्री का भी आयोजन किया और पूरी राशि इस उद्देश्य के लिए दान कर दी।

क्या होता है ब्लड मनी?

सऊदी के कानून में ब्लड मनी उस रकम को कहते हैं, जिसका भुगतान सजा से बचने के लिए पीड़ित के परिवार को करना होता है। ये रकम पीड़ित परिवार वालों की ओर से तय किया जाता है। इसका इंतजाम आरोपी के परिवार वालों को अपने सगी-सबंधियों को बचाने के लिए किया जाता है।

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