कौन हैं एंथोनी अल्बनीज़ जिनपर आस्ट्रेलियाई जनता ने जताया है भरोसा, तीन चुनाव हारने वाली पार्टी को बहुमत दिलाया

सिडनी यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने वाले एंथोनी अल्बनीज़ आस्ट्रेलियाई इतिहास के पहले इटैलियन-आस्ट्रेलियन हैं जो पीएम पद पर आसीन होने जा रहा है। तीन चुनाव लगातार हारने वाली लेबर पार्टी को अप्रत्याशित सफलता दिलाने वाले अल्बनीज़ देश के उप प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। 

Dheerendra Gopal | Published : May 21, 2022 2:25 PM IST / Updated: May 21 2022, 08:03 PM IST

सिडनी। आस्ट्रेलिया फेडरल चुनाव में निवर्तमान प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की लिबरल पार्टी ऑफ आस्ट्रेलिया को करारी हार मिली है। देश में एक बार फिर लेबर पार्टी ने अपना परचम लहराया है। लेबर पार्टी की जीत के साथ ही विपक्ष के नेता रहे एंथोनी नार्मन अल्बनीज़ के पीएम बनने का रास्ता भी साफ हो चुका है। संसदीय राजनीति का लंबा अनुभव रखने वाले एंथोनी एल्बनीज़ आस्ट्रेलिया के राजनीतिक इतिहास के पहले इटैलियन-आस्ट्रेलियन पीएम बनने जा रहे हैं। 

रूड व गिलार्ड सरकार में मंत्री रह चुके हैं एल्बनीज़

आस्ट्रेलिया के नामित प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज़ का जन्म 2 मार्च 1963 में हुआ था। सिडनी में जन्में अल्बानीज़ एक आयरिश-ऑस्ट्रेलियाई मां और एक इतालवी पिता की संतान हैं। सिडनी के सेंट मैरी कैथेड्रल कॉलेज में पढ़ाई करने के बाद एल्बनीज़ ने सिडनी यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है। वह एक छात्र के रूप में लेबर पार्टी में शामिल हुए। संसद में प्रवेश करने से पहले पार्टी में रिसर्च ऑफिसर के रूप में काम भी किया। 

1996 में पहली बार सांसद बनें

न्यू साउथ वेल्स में ग्रेंडलर की सीट जीतकर, अल्बानी को 1996 के चुनाव में प्रतिनिधि सभा के लिए चुना गया था। इसके बाद वह राजनीति में आगे बढ़ते गए। अल्बनीज़ 2013 में दूसरी रुड सरकार में ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधान मंत्री बनाए गए। 2007 से 2013 तक रुड और जूलिया गिलार्ड सरकारों में कैबिनेट मंत्री थे।

2007 में लेबर पार्टी के नेता सदन बनें

2007 के चुनाव में लेबर पार्टी की जीत के बाद, अल्बानीज़ को सदन का नेता नियुक्त किया गया। उन्हें क्षेत्रीय विकास और स्थानीय सरकार और बुनियादी ढांचा और परिवहन मंत्री भी बनाया गया था। 2013 में वह सदन में उपनेता चुने गए और फिर उसके अगले दिन देश के उप प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले लिए। हालांकि, 2013 में लेबर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। लेबर पार्टी की लगातार तीन हार के बाद बिल शार्टन ने 2019 में इस्तीफा दे दिया। शार्टन के इस्तीफा के बाद 2019 में एंथोनी अल्बनीज़ को नेता चुन लिया गया। वह विपक्ष के नेता भी चुने गए। 2022 में आस्ट्रेलिया में हुए फेडरल इलेक्शन में जनता ने लेबर पार्टी पर भरोसा जताया। तीन चुनाव में हार के बाद सत्ता से बाहर रही लेबर पार्टी एक बार फिर देश में सरकार बनाने जा रही है। एंथोनी अल्बनीज़ के हाथों सत्ता की कमान होगी। देश के छठे सबसे बड़े जातीय समूह का प्रतिनिधित्व करते हुए, वह ऑस्ट्रेलियाई इतिहास में पहले इतालवी-ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री होंगे।

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