Janmashtami 2022: पाकिस्तान के 5 कृष्ण मंदिर, जहां आज भी धूमधाम से मनाया जाता है कान्हा का जन्मदिन

जन्माष्टमी इस बार 18 और 19 अगस्त को मनाई जा रही है। हालांकि, ज्यादातर लोग 19 अगस्त को ही इसे मना रहे हैं। जन्माष्टमी का त्योहार भारत के अलावा विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। पाकिस्तान के कृष्ण मंदिरों में भी कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। आइए जानते हैं पाकिस्तान के 5 मशहूर कृष्ण मंदिरों के बारे में।

Asianet News Hindi | Published : Aug 18, 2022 2:32 PM IST / Updated: Aug 19 2022, 10:38 AM IST

Janmashtami 2022: श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव (Janmashtami 2022) इस बार 18 और 19 अगस्त यानी दो दिन मनाई जा रही है। हालांकि, ज्यादातर लोग 19 अगस्त को ही जन्माष्टमी मना रहे हैं। पंचांग के मुताबिक, 18 अगस्त 2022, गुरुवार को भादौं मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि रात 9.21 तक रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि लग जाएगी। ऐसे में कुछ लोग 18 अगस्त को ही जन्माष्टमी मना रहे हैं। हालांकि, उदयातिथि में पर्व ज्यादा शुभ माना गया है, इसलिए ज्यादातर लोग जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाएंगे। बता दें कि भारत समेत दुनियाभर में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यहां तक कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कृष्ण जन्माष्टमी की धूम रहती है। आइए जानते हैं पाकिस्तान के मशहूर कृष्ण मंदिरों के बारे में।

1- रावलपिंडी का कृष्ण मंदिर : 
पाकिस्तान के बड़े शहर रावलपिंडी में भगवान कृष्ण का मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 1897 में सद्दर में कांची मल और उजागर मल राम पांचाल ने कराया था। 1947 में बंटवारे के बाद कुछ सालों के लिए यह मंदिर बंद कर दिया गया था। हालांकि, 1949 में इसे फिर खोला गया। पहले इसके आसपास रहने वाले हिंदू इसकी देखरेख करते थे। 1970 में इसे ईटीपीबी के नियंत्रण में दे दिया गया।  

2- लाहौर का कृष्ण मंदिर : 
बंटवारे से पहले लाहौर भारत का सबसे बड़ा और प्राचीन शहर था। यहां कई मंदिर थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब भी इस शहर में 22 मंदिर हैं लेकिन पूजा केवल दो में ही होती है। इन्हीं में से एक कृष्ण मंदिर है, जबकि दूसरा वाल्मीकि मंदिर। जन्माष्टमी के मौके पर हर साल लाहौर के इस कृष्ण मंदिर में विधि-विधान से पूजा-पाठ होता है। यह मंदिर लाहौर के केसरपुरा में स्थित है। 1992 में बाबरी विध्वंस के समय अलगाववादियों ने इस मंदिर को नुकसान पहुंचाया था। 

3- एबटाबाद का कृष्ण मंदिर : 
पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में भी कृष्ण मंदिर है। ये वही शहर है, जहां अमेरिका ने खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। हालांकि, ये मंदिर अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। यहां पूजा-पाठ नहीं होती। इसके अलावा पाकिस्तान के अमरकोट और थारपरकार में भी कृष्ण मंदिर हैं। 

4- कराची में स्वामीनारायण मंदिर : 
पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में भी कृष्ण मंदिर है। यहां कुल मंदिरों की संख्या 28 है। हालांकि, इन सभी में पूजा नहीं होती। कई मंदिर बेहद पुराने हैं। कराची में ही स्वामीनारायण मंदिर है, जहां राधा-कृष्ण की मूर्तियां हैं। इसके अलावा कुछ सालों पहले इस्कॉन ने भी कराची के जिन्ना एयरपोर्ट के पास राधा गोपीनाथ मंदिर खोला है। 

5- क्वेटा का इस्कॉन मंदिर : 
पाकिस्तान के शहर क्वेटा में भी एक कृष्ण मंदिर है, जिसे 2007 में इस्कॉन ने बनवाया है। यहां भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा-अर्चना होती है। बता दें कि पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान की सरकार ने अपने यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्राचीन हिंदू और बौद्ध मंदिरों की मरम्मत और निर्माण पर ध्यान देना शुरू किया है। 

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