
Luna 25 failed: रूस का महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन विफल हो गया है। लूना-25 क्रैश हो गया है। स्पेसक्रॉफ्ट अत्यधिक तेजी से घूमते हुए नियंत्रण से बाहर होने के बाद चंद्रमा की सतह पर क्रैश कर गया है। देश के स्टेट स्पेस कॉरपोरेशन रोस्कोस्मोस ने इस ट्रैजिक इंसीडेंट की पुष्टि की है। रोस्कोस्मोस ने बताया कि शनिवार शाम 05:27 बजे उसका स्पेसक्राफ्ट से संपर्क टूट गया था। प्री-लैंडिंग ऑर्बिट बदलने के दौरान इसमें तकनीकी खराबी आई थी। इसे 21 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करना था।
स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के अनुसार, लूना 25 मिशन से रूस ने स्पेस डिस्कवरी में पांच दशक बाद वापसी की थी। यह उसके पांच दशक पूर्व सफल चंद्र मिशन के बाद की गई एक नई शुरूआत थी। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि लूना 25 के फेल्योर से रूस के चंद्र मिशन को बड़ा झटका लगा है।
करना पड़ा इमरजेंसी का सामना
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने कहा है कि लूना-25 को चंद्रमा के ऊपर आपातकालीन स्थिति का सामना करना पड़ा क्योंकि स्पेसक्राफ्ट तय पैरामीटर के अनुसार थ्रस्टर फायर नहीं कर पाया। रोस्कोस्मोस ने बताया कि शनिवार को 14:10 बजे (मास्को के समय अनुसार) लूना-25 ने प्री-लैंडिंग कक्षा में ट्रांसफर के लिए एक आवेग दिया गया था।
10 अगस्त को लॉन्च किया गया था Luna-25
रूस ने Luna-25 को 10 अगस्त को लॉन्च किया था। यह इस सप्ताह की शुरुआत में चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया था। इसके बाद से चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है। लूना-25 अगर सफलतापूर्वक लैंड कर पाता तो यह एक साल तक चंद्रमा पर रिसर्च करता। यह चंद्रमा की चट्टान और धूल के नमूने लेता और उसकी जांच करता। यह पानी की तलाश भी करता। दरअसल, चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव वैज्ञानिकों के लिए विशेष रुचि रखता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि स्थायी रूप से छाया में रहने वाले चंद्रमा के इस हिस्से में पानी हो सकता है।
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