'शेर-ए-पंजाब' की मूर्ति तोड़ने वाला कट्टरपंथी कुछ ही दिन में जेल से रिहा, जानिए पूरा घटनाक्रम

Pakistan के लाहौर किले में लगी महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ने वाला कट्टरपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक का सदस्य कुछ दिनों बाद ही जेल से रिहा हो गया है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 21, 2021 2:45 AM IST / Updated: Aug 21 2021, 08:24 AM IST

लाहौर, पाकिस्तान. यहां किले में लगी महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ने वाला आरोपी चंद दिनों बाद ही जेल से रिहा हो गया। उसे कोर्ट ने बेल दे दी। आरोपी कट्टरपंथी समूह  तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़ा है। इस मामले को लेकर पाकिस्तान से लेकर भारत तक आक्रोश फैल गया था। नई दिल्ली में इस मामले के खिलाफ प्रदर्शन भी हुए थे।

ड्रामा करके किले में घुसे थे और मूर्ति तोड़ दी थी
घटना 17 अगस्त की है। प्रतिमा का 2 साल पहले ही अनावरण हुआ था। ये दोनों आरोपी साजिश करके किले में दाखिल हुए थे। इसमें से एक ने खुद को विकलांग बताया था, जबकि दूसरे ने उसका सहयोगी। जिसने खुद को विकलांग बताया था, उसने सबसे पहले मूर्ति को लोहे की छड़ से मारा। इसके बाद दोनों ने मूर्ति नीचे गिरा दी। प्रतिमा का जून, 2019 को महाराजा की 180वीं पुण्यतिथि पर अनावरण किया गया था। यह 9 फीट ऊंची थी। सिख साम्राज्य के पहले महाराजा रणजीत सिंह ने करीब 40 साल तक पंजाब पर शासन किया था। 1893 में उनकी मृत्यु हुई थी। उन्हें शेर-ए-पंजाब कहते थे।

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सख्त कार्रवाई का दिलाया था भरोसा
शहर के पुलिस अधिकारी (CCPO) गुलाम मोहम्मद डोगरा ने आरोपी की गिरफ्तार के बाद कहा था कि उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पकड़े गए आरोपी का नाम रिजवान है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मूर्ति को तोड़ने के लिए हथोड़े का इस्तेमाल किया गया था। घटना के बाद तुरंत पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। माना जा रहा है कि केस कमजोर होने से आरोपी का जमानत मिल गई।

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तालिबान का समर्थक है कट्टरपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक 
यह समूह अफगानिस्तान में आतंक का पर्याय बने तालिबान का समर्थक रहा है। बेशक इस संगठन को पाकिस्तान में बैन किया गया है, लेकिन सरकार इसके खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठा पाती है। इस संगठन ने फ्रांसीसी राजदूत को देश से बाहर चले जाने को कहा था। जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया, तब इस संगठन ने पाकिस्तान में खुलेआम जश्न मनाया था।

यह घटना सामने आने के बाद दिल्ली में विरोध प्रदर्शन हुए थे।

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