Afghanistan के सिख हाथ जोड़कर मांग रहे मदद, कनाडा-अमेरिका को SOS कॉल, कहा-हमारे बच्चों-महिलाओं को बचा लो

भारत सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह अफगानिस्तान से भाग रहे सिखों और हिंदुओं को आपातकालीन वीजा प्रदान करेगी। लेकिन काबुल के सिख व्यवसायी पीटीआई से कहा था कि अफगान सिख भारत के बजाय अमेरिका या कनाडा में शरण लेना पसंद करेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Aug 20, 2021 10:14 AM IST

काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) में हालात बदतर होने के साथ लोगों की आशंकाएं और खौफ भी बढ़ता जा रहा है। काबुल (Kabul) के एक गुरुद्वारे में शरण लिए 300 सिखों ने अमेरिका और कनाडा से बाहर निकालने मेें मदद के लिए एसओएस कॉल (SOS call) किया है। अफगानी सिख दोनों देशों से अपने शरण की गुहार लगा रहे हैं। हाथ जोड़कर मदद मांगने का वीडियो सामने आया है। इन लोगों का कहना है कि कनाडा और अमेरिका अफगानी सिखों की बहुत मदद कर रहे हैं और तालिबान (Taliban) का कोई भरोसा नहीं है कि कब क्या कर दे। सिख समाज विशेषकर अपने बच्चों और महिलाओं को यहां से निकालना चाह रहे हैं। 

वीडियो संदेश भेजकर मांग रहे मदद

एक वीडियो संदेश में, काबुल के करता परवन गुरुद्वारे में सिखों को अमेरिका और कनाडा की सरकारों से अफगानिस्तान से बाहर निकालने की अपील करने वाला वीडियो सामने आया है। सिखों ने हाथ जोड़कर कहा, ‘तालिबान के कारण काबुल की स्थिति बहुत नाजुक है। हमारा अनुरोध है कि अमेरिका और कनाडा में सिख संगठन हमें वहां ले जाने की व्यवस्था करें।’
तालिबान सुरक्षा का आश्वासन दे रहा लेकिन नहीं है भरोसा

तालिबानी वहां के सिखों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन देने के लिए सामने आए हैं। लेकिन यहां लोगों को उन पर भरोसा नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार काफी लोग काबुल के एक गुरुद्वारे में शरण लिए हुए हैं। तालिबान के लोग लगातार उन पर नजर बनाए हुए हैं। बताया जा रहा है कि गुरुद्वारों में तालिबान का एक प्रतिनिधिमंडल गया था और कहा कि वे हमारे गुरुद्वारे को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। लेकिन सिख समाज व अन्य अल्पसंख्यक आशंकित है कि तालिबान का अपना कानून लागू होने के बाद स्थितियां सामान्य नहीं रहेंगी। 

भारत भी वीजा देने की किया है ऐलान, लेकिन अधिकतर कनाडा-अमेरिका ही जाना चाहते

भारत सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह अफगानिस्तान से भाग रहे सिखों और हिंदुओं को आपातकालीन वीजा प्रदान करेगी। लेकिन काबुल के सिख व्यवसायी पीटीआई से कहा था कि अफगान सिख भारत के बजाय अमेरिका या कनाडा में शरण लेना पसंद करेंगे। पीटीआई को उन्होंने बताया कि ये दोनों देश पहले से ही वहां बसे अफगान लोगों की बहुत मदद कर रहे हैं। कनाडा सरकार ने घोषणा की है कि वह 20,000 कमजोर अफगानों को स्थायी रूप से बसाएगी, जिनमें सिख और हिंदू शामिल हैं, जो अब तालिबान के नियंत्रण में युद्धग्रस्त देश से भाग रहे हैं।

भारत में करीब 15 हजार अफगानी सिख दिल्ली में रहते

अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना से भागकर लगभग 15,000 अफगान सिख दिल्ली में रहते हैं। ये सिख कई दशक से यहां भागकर पहुंच रहे हैं। 

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