रूस के एक साइबेरियाई गांव में एक दूल्हा शादी के दिन ही ऐसा सनका कि मेहमानों के सामने ही अपनी दुल्हन की पीट-पीटकर जान ले ली। यह हत्याकांड अक्टूबर में हुआ था। आरोपी के कोर्ट ने 18 साल की सजा सुनाई है। आरोपी पहले भी एक हत्या के इल्जाम में जेल की सजा काट चुका है।
वर्ल्ड न्यूज. भला अपनी शादी के दिन ऐसा कौन करता है कि मेहमानों के सामने दुल्हन की जान ले ले? यह दिल दहलाने वाला मामला रूस के एक साइबेरियन गांव प्रोकुडस्कॉय( Siberian village of Prokudskoye) में हुआ। आरोपी को कोर्ट ने 18 साल की सजा सुनाई है। आरोपी पहले भी एक हत्या के इल्जाम में जेल की सजा काट चुका है। 25 वर्षीय स्टीफन डोलगिख ने शादी के दिन ही अपनी प्रेमिका की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी, उसे शक था कि उसकी दुल्हन का किसी के साथ चक्कर है। वो उसे धोखा दे रही है।
10 साल बड़ी थी प्रेमिका
स्टीफन ने अपनी प्रेमिका 36 वर्षीय ओक्साना पोलुडेंटसेवा( Oksana Poludentseva) की लाश एक नाले में फेंक दी थी। हत्या के वक्त स्टीफन ने शराब पी रखी थी। यह हत्या उसने ईर्ष्यावश(jealous rage) की थी। चूंकि आरोपी पहले से ही क्रिमिनल बैकग्राउंड का रहा है, इसलिए मेहमान डरकर कुछ नहीं कर सके। हालांकि इस घटना ने सबको चौंका दिया है। पुलिस घरेलू हिंसा के मामले को लेकर अलर्ट हो गई है।
जब जेल में था आरोपी तब मृतका मिलने जाती थी
चीफ इन्वेस्टिगेटर किरिल पेट्रुशिन(Kirill Petrushin) के अनुसार, उसने घर के बाहर ओक्साना को घूंसा मारना और लात मारना शुरू कर दिया था। आरोपी ने उसे बालों से पकड़ा, उसे मारा, बाहर गली में धकेल दिया। फिर सिर पर भी वार करता रहा। डोलगिख पहले से ही एक अन्य हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। जब वो इस मामले में जेल में था, तब ओक्साना से उसकी दोस्ती हो गई थी। ओक्साना को लगता था कि वो लुटेरे और हत्यारे डोलगिख को सुधारने में मदद कर सकती है। मृतका के एक फ्रेंड ने कहा कि वह वास्तव में उससे प्यार करती थी और उसकी रिहाई की प्रतीक्षा कर रही थी।
रूस में घरेलू हिंसा के मामले
रूस में घरेलू हिंसा(domestic violence in Russia ) के मामले एक गंभीर समस्या है। 2018 में 5,000 मामले दर्ज हुए थे। इनमें महिलाओं को मारा-पीटा गया था। एक एक्टिविस्ट ने क्लेम किया कि 2021 में महामारी से पहले रूस में हर साल 16.5 मिलियन महिलाओं को घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ा था। बता दें कि रूस ने 2017 में पहली बार डोमेस्टिक बैटरी(domestic battery ) को अपराध से मुक्त कर दिया। इसका मतलब यह हुआ कि जब तक कि पर्सन हॉस्पिटलाइज्ड नहीं होता, उसे एडमिनिस्ट्रेटिव दोष(administrative offence) माना जाएगा न कि अपराध।
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