कभी इस छोटे से देश ने निकाल दी थी चीन की सारी हेकड़ी, सड़कों पर सरेआम किया था चीनियों का कत्लेआम

चीन हाल ही में अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर भड़का हुआ है। दुनियाभर को डराने की कोशिश करने वाले चीन ने अब ताइवान को चारों तरफ से घेर लिया है और अमेरिका को भी धमका रहा है। चीन भले ही आज दुनिया की महाशक्ति है, लेकिन 85 साल पहले एक वक्त ऐसा भी था, जब एक छोटे से देश ने उसकी सारी हेकड़ी निकाल दी थी। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 5, 2022 2:37 PM IST / Updated: Aug 06 2022, 12:18 PM IST

China-Japan War: चीन लंबे समय से ताइवान को अपना हिस्सा बताता आ रहा है। वहीं ताइवान खुद को स्वतंत्र देश मानता है। दरअसल, चीन हाल ही में अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर भड़का हुआ है। दुनियाभर को डराने की कोशिश करने वाले चीन ने अब ताइवान को चारों तरफ से घेर लिया है। यहां तक कि वो अमेरिका की चेतावनी को भी दरकिनार कर रहा है। वैसे, आज चीन भले ही ताइवान पर अपनी जोर-आजमाइश दिखा रहा है, लेकिन कभी एक छोटे से देश ने इसी चीन की सारी हेकड़ी निकाल दी थी।  

आखिर किस देश ने चीन को नाकों चने चबवाए थे?  
चीन दुनिया की बड़ी ताकत बन चुका है। वो सरेआम ताइवान पर जंग थोप रहा है। अमेरिका को धमका रहा है। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब छोटे से देश जापान ने चीन में भारी कत्लेआम मचाया था। चीन और जापान के बीच पहली लड़ाई अगस्त, 1894 से अप्रैल 1895 के बीच हुई थी। उस वक्त जापान और चीन दोनों ही देशों में राजशाही थी। बता दें कि ये जंग कोरिया की वजह से हुई थी। कोरिया, चीन का दोस्त था और उसके पास कोयला और लोहा भरपूर मात्रा में था। जापान किसी भी कीमत पर कोरिया से ये दोनों चीजें चाहता था। 

चीन के कई प्रांतों पर जापान ने कर लिया कब्जा : 
इसी बीच कोरियाई नेता किम ओक-क्यून की चीन के शंघाई में हत्या हो गई। चीन ने क्यून के शव को जहाज से कोरिया पहुंचवा दिया। हालांकि, जापान ने इसे अपमान के तौर पर लिया और उसके 8 हजार सैनिकों ने कोरिया पर हमला कर दिया। कोरिया के साथ जापान की जंग में चीन भी कूद पड़ा। उस दौर में जापान की सेना के सामने चीनी सैनिक कमजोर पड़ गए। जापानी ने चीन के शेंडोंग और मनचुरिया पर कब्जा कर लिया। चीन को हार माननी पड़ी। बाद में जापान-चीन के बीच एक समझौता हुआ, जिसके तहत चीन ने ताइवान, पेस्काडोरेस और मनचुरिया के लिआडोंग को जापान को दे दिया।

चीनी सैनिकों का मांस तक पकाकर खा गई थी जापानी सेना : 
द्वितीय विश्वयुद्ध से ठीक पहले जुलाई, 1937 में जापान ने एक बार फिर चीन के खिलाफ जंग छेड़ दी। जापानी सेना ने चीनी सेना के जवानों पर सरेआम गोलियां बरसाईं। इसके बाद जापान ने पीकिंग पर कब्जा कर लिया। जापानी सेना से पार पाने के लिए चीन के राष्ट्रवादी और कम्युनिस्ट ने हाथ मिलाया लेकिन दोनों ही विचारधारा से साथ नहीं थे। ऐसे में जापानी सेना ने चीन की सेना को बुरी तरह रौंदा। कहा जाता है कि इस जंग के दौरान जापानी सैनिकों ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी थीं। यहां तक कि जापानी सैनिकों ने चीन के सैनिकों का मांस तक पकाकर खा लिया था। 

जापान की सेना ने 3 लाख लोगों को उतारा मौत के घाट : 
जापानी सेना ने 13 दिसंबर, 1937 को चीन की राजधानी नानजिंग पर हमला कर दिया। ये युद्ध की असल शुरुआत थी। उस वक्त जापान की सेना ने नानजिंग शहर में महज डेढ़ महीने में 3 लाख लोगों की जान ले ली थी, जिसमें ज्यादातर आम लोग ही थे। उस समय जापानी सैनिक चीनी महिलाओं को 'कम्फर्ट वुमन' कहकर अपने साथ ले जाते थे और उनके साथ बलात्कार करते थे। उस दौर में करीब 80 हजार चीनी महिलाएं रेप का शिकार हुई थीं। जापानी सैनिकों ने पूरे शहर को तबाह कर दिया था।

पर्ल हार्बर पर हमला जापान को पड़ा भारी : 
जापान यहीं नहीं रुका। उसने उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी चीन पर अपना कब्जा जमा लिया। एक के बाद एक जीत के बाद जापान ने 1941 में अमेरिका के नेवी बेस पर्ल हार्बर पर हमला कर दिया, जिसके बाद अमेरिका भड़क गया और उसने जापान के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया। वहीं, सोवियत संघ ने भी जापान के कब्जे वाले मंचूरिया पर हमला कर दिया। दूसरी ओर अमेरिका के जंग में कूदने से चीन को राहत मिली। बाद में जापान को सबक सिखाने के लिए अमेरिका ने 6 और 9 अगस्त, 1945 को उसके दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला कर दिया। इस हमले में लाखों जापानी मारे गए। बाद में जापान ने हार मान ली थी।  

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