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China vs Taiwan: किसमें कितना है दम, युद्ध हुआ तो चीन के सामने कितनी देर टिक पाएगा ताइवान
China vs Taiwan: अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर चीन बौखलाया हुआ है। चीन ने अमेरिका को इसका अंजाम भुगतने की चेतावनी देते हुए ताइवान के समुद्री इलाके में मिलिट्री ड्रिल शुरू कर दी है। पेलोसी के ताइवान से रवाना होते ही चीन ने नॉर्थ, साउथ-वेस्ट और साउथ-ईस्ट में ताइवान के समुद्र और हवाई क्षेत्र में सेना अभ्यास शुरू कर दिया है। चीन का ये कदम न सिर्फ ताइवान बल्कि अमेरिका को भी युद्ध की चुनौती दे रहा है। ऐसे में अगर चीन और ताइवान के बीच जंग हुई तो ताइवान ड्रैगन के सामने कहां और कितनी देर टिक पाएगा? आइए जानते हैं।
| Published : Aug 04 2022, 10:56 AM IST / Updated: Aug 04 2022, 01:33 PM IST
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दरअसल, चीन ताइवान को वन चाइना पॉलिसी के तहत अपना हिस्सा मानता है, लेकिन ताइवान में अमेरिकी दखलंदाजी के बाद चीन और अमेरिका के रिश्ते बिगड़े हैं। चीन अब सीधे अमेरिका को युद्ध की धमकी दे रहा है।
चीन के सामने ताइवान की सैन्य ताकत की बात करें तो वो बेहद कम है। हालांकि, अमेरिका ताइवान की मदद के लिए आगे आता है तो वह बेहद मजबूत हो जाएगा। अक्टूबर 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि चीन अगर ताइवान पर हमला करता है तो अमेरिका ताइवान का बचाव करेगा।
हालांकि, चीन के लिए ताइवान से पार पाना इतना आसान भी नहीं होगा। दरअसल, ताइवान चारों ओर समुद्र से घिरा है। ताइवान पर कब्जा करने के लिए चीन को बड़ी संख्या में सैनिकों, बख्तरबंद वाहन, हथियार, गोला-बारूद और ईंधन को समुद्र के रास्ते 160 किलोमीटर दूर ले जाना पड़ेगा।
इसके अलावा ताइवान में छोटे-छोटे द्वीप हैं और इसका आसपास बेहद दलदली इलाका भी है। इस दलदली इलाके में न तो टैंक चलाना आसान होगा और ना ही पैदल सैनिक यहां सर्वाइव कर सकते हैं। ऐसे में ताइवान की भौगोलिक स्थिति काफी हद तक उसके फेवर में रहेगी।
चीनी सेना अगर किसी तरह समुद्र और ताइवान के दलदली इलाके के पार कर वहां घुसने में कामयाब भी हो जाती है तब भी उसे ताइवान में गुरिल्ला युद्ध से निपटना होगा। ताइवान में हर चौथा शख्स सिविल डिफेंस वॉलेंटियर है।
हालांकि, डिफेंस एक्सपर्ट्स की मानें तो ताइवान अपनी पूरी ताकत लगाने के बाद भी चीन के हमले को सिर्फ कुछ वक्त के लिए धीमा कर सकता है। इसके अलावा ताइवान के पास युद्ध लड़ने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है। देखा जाए तो ताइवान भले ही चीन को चुनौती दे, लेकिन इंडीविजुअली इस जंग में वो ड्रैगन के सामने कहीं नहीं टिकता।
चीन दुनिया के पावरफुल देशों में से एक है। चीन के सामने ताइवन की मिलिट्री पावर ना के बराबर है। सबसे बड़ी बात ये है कि अमेरिका की मदद के बिना ताइवान कुछ नहीं है। चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी थल सेना है। जिसमें कुल मिलाकर 20 लाख से ज्यादा सैनिक हैं। फायर पावर रैंकिंग में भी ताइवान बहुत पीछे है।
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