वाशिंगटन। इजरायल और हमास के बीच लड़ाई शुरू होने के बाद अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपनी सैन्य स्थिति को लगातार मजबूत किया है। इजरायल द्वारा हिजबुल्लाह के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ा हुआ है। ईरान ने इजरायल पर मिसाइल अटैक किया है। दुनिया की नजर अब इस बात पर है कि इजरायल किस तरह जवाब देता है।
ईरान को इजरायल के खिलाफ जंग शुरू करने में सबसे अधिक डर अमेरिका से लग रहा है। इसकी बड़ी वजह क्षेत्र में अमेरिका की भारी सैन्य मौजूदगी है। अगर जंग छिड़ गई तो अमेरिकी सेना को इजरायल की मदद करेगी। इस क्षेत्र में अमेरिका ने विमान वाहक पोत, पनडुब्बी से लेकर कई युद्धपोत तैनात कर रखे हैं। ईरान के आसपास अमेरिकी सेना के अड्डे हैं। F-22, F-35 से लेकर F15E तक अमेरिका ने इस क्षेत्र में अपने सबसे ताकतवर हथियारों को तैनात कर रखा है। यूएस नेवी ने यहां यूएसएस अब्राहम लिंकन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप तैनात किया है।
कैरियर स्ट्राइक ग्रुप: यूएसएस अब्राहम लिंकन
कैरियर स्ट्राइक ग्रुप अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों का समूह है। इसमें एक एयरक्राफ्ट कैरियर और उसके साथ कई युद्धपोत और पनडुब्बियां होती हैं। स्ट्राइक ग्रुप में हजारों नौ सैनिक भी शामिल हैं। यूएसएस अब्राहम लिंकन विमान वाहक पोत है। इसपर एयरक्राफ्ट के आठ स्क्वाड्रन तैनात हैं। इसपर एक-एक एयरबोर्न कमांड एंड कंट्रोल, इलेक्ट्रॉनिक अटैक, मरीन फाइटर अटैक, हेलीकॉप्टर मैरीटाइम स्ट्राइक और हेलीकॉप्टर सी कॉम्बैट स्क्वाड्रन है।
मरीन फाइटर अटैक स्क्वाड्रन में पांचवीं पीढ़ी के F-35 लाइटनिंग II विमान हैं। इसके साथ ही तीन स्ट्राइक फाइटर स्क्वाड्रन है। इसमें F/A-18 सुपर हॉर्नेट विमान हैं। इसके साथ ही 4 गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर (USS Stockdale, USS Bulkeley, USS Arleigh Burke, USS Cole), लिट्टोरल कॉम्बैट शिप (USS Indianapolis), एम्फीबियस असाल्ट शिप (USS Wasp) और अन्य जहाज व पनडुब्बी रहते हैं।
मध्य पूर्व में अमेरिकी एयर फोर्स के ठिकाने
मध्य पूर्व में लगभग 40,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। इराक और सीरिया में अमेरिकी सेना के अड्डे हैं। कतर में मध्य पूर्व में सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा है। बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात में भी अमेरिकी ठिकाने हैं। अफ्रीकी देश जिबूती में भी यूएस एयर फोर्स का बेस है। कुवैत में भी अमेरिकी सेना का अड्डा है।
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