
वाशिंगटन। भारत और चीन के बीच तीन साल से सीमा पर तनातनी जारी है। दोनों देशों ने भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती सीमा पर की है। अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सीमा विवाद के चलते भारत और चीन के बीच संघर्ष का खतरा बढ़ गया है।
यूएस इंटेलिजेंस कम्युनिटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले कुछ समय में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई है। एलएसी पर होने वाले झड़प के बड़ी लड़ाई में बदलने का खतरा बना हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और भारत की ओर से विवादित सीमा पर बढ़ाई गई सैन्य तैनाती एक खतरा है। इससे परमाणु हथियारों से लैस दो देशों के बीच लड़ाई शुरू हो सकती है। ऐसा होता है तो अमेरिका के लोगों और हितों को सीधा खतरा होगा और अमेरिकी हस्तक्षेप की मांग की जा सकती है।
2020 से तनावपूर्ण है चीन और भारत का रिश्ता
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और भारत का रिश्ता 2020 से तनावपूर्ण है। 2020 में लद्दाख के गलवान में चीन और भारत के सैनिकों के बीच भीषण झड़प हुई थी। बता दें कि 2 मार्च को भारत में जी 20 के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें चीन के विदेश मंत्री किन गैंग शामिल हुए थे। चीन के विदेश मंत्री के साथ भारत के विदेशमंत्री की बैठक हुई थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किन गैंग को बताया था कि भारत-चीन संबंधों की स्थिति "असामान्य" है। भारत का मानना है कि जब तक सीमा पर तनाव है चीन के साथ रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते।
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जिम मैटिस ने कहा था चीन से निपटने को तैयार है अमेरिका
3 मार्च को अमेरिका के पूर्व रक्षा सचिव जिम मैटिस ने कहा था कि रूस और यूक्रेन युद्ध पर चीन की कड़ी नजर है। अगर रूस को यूक्रेन के खिलाफ सफलता मिलती है तो चीन एलएसी पर अपने मंसूबों को अंजाम दे सकता है। रायसीना डायलॉग में जिम ने कहा कि अमेरिका चीन से निपटने के लिए तैयार है।
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