पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 10 साल की हिंदू लड़की का अपहरण कर 50 वर्षीय व्यक्ति से जबरन निकाह कराने का मामला सामने आया है। पुलिस ने बीच में ही इस घटना को रोक दिया। एक अन्य मामले में 15 साल की लड़की का अपहरण कर उसका जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया गया।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का अपहरण और जबर्दस्ती उनका धर्म परिवर्तन करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में वहां के साउथ सिंध प्रांत स्थित एक ग्रामीण इलाके में 10 साल की हिंदू लड़की का अपहरण कर उसकी शादी जबरन 50 साल के एक अधेड़ से करा दी गई। हालांकि, ऐन मौके पर पुलिस ने इसे रोक दिया और लड़की को उसके परिजनों को सौंप दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का आए दिन अपहरण कर धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। पाकिस्तान दरावर इत्तेहाद (अल्पसंख्यकों के हक के लिए गठित एक NGO) के चेयरमैन शिवा काछी के मुताबिक, एक अन्य मामले में दक्षिण सिंध के ही संघर में एक 15 साल की हिंदू लड़की को जबरन अगवा कर उसकी शादी अधेड़ उम्र के मुस्लिम शख्स से करवा दी गई। अभी तक लड़की का पता नहीं चल पाया है कि वो कहां है।
शिवा काछी के मुताबिक, पाकिस्तान के मीरपुरखास के कोट गुलाम मुहम्मद गांव में एक 10 साल की लड़की को उसके घर से उठा लिया गया। बाद में उसे सरहंदी के एक मदरसे में ले जाया गया। वहां उसका निकाह जबरन शाहिद नाम के एक मुस्लिम शख्स से कर दिया गया। लड़की के परिजनों ने जब इलाके के अफसरों और SSP पुलिस से शिकायत की तो लड़की को बरामद कर उसके घर वापस भेज दिया गया। इसके अलावा एक और लड़की का पता पिछले रविवार से ही नहीं चल पाया है। उसका अपहरण करने वालों ने फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट, शादी प्रमाण-पत्र और धर्म परिवर्तन का सर्टिफिकेट बनवा लिया है, ताकि कोर्ट में ये साबित किया जा सके कि लड़की बालिग है और उसने अपनी मर्जी से निकाह किया है।
दरावर इत्तेहाद के चेयरमैन शिवा के मुताबिक, पाकिस्तान में धर्मांतरण के काम में यहां का भ्रष्ट तंत्र भी मिला हुआ है। कुछ पुलिसकर्मियों और अफसरों की मिलीभगत से पहले फर्जी डॉक्यूमेंट्स तैयार किए जाते हैं। वहीं, जब पीड़िता के माता-पिता या वकील केस को अदालत में ले जाते हैं तो इन फर्जी दस्तावेजों को पेश कर दिया जाता है।
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